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परिचर्चा: विकास की अवधारणा

निमंत्रण                      परिचर्चा: विकास की अवधारणा                                 डॉ. शिवराज सिंह (योजना मंडल) और प्रो. हनुमंत यादव,                                                 चर्चा में- बी.के.मनीष के साथ.   छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच की ’विधानसभा चुनाव जागरूकता कार्यक्रम श्रृंखला” की पहली कड़ी.                       सायं ४ बजे, मंगलवार, २२ अक्टूबर, प्रेस क्लब, रायपुर. धार्मिक ध्रुवीकरण तथा सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को पार कर के अब चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं। जहां राज्य और केंद्र की वर्तमान सरकारें चहुंमुखी विकास विकास के दावे करते नहीं थक रही हैं वहीं...

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आपदा फंड से बने तालाबों को भी राहत की दरकार

राज्य में हर साल 1200 से 1400 एमएम तक बारिश होती है़  लेकिन, पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र होने के कारण अधिकतर पानी बह जाता है़  इसे रोकने के लिए छोटे-छोटे तालाब बहुत जरूरी हैं़  पानी पुरुष राजेंद्र सिंह भी मानते हैं कि झारखंड की जो भौगोलिक परिस्थिति है उसमें छोटे तालाबों का बड़ा महत्व है़ . इस प्रकार के तालाब हर गांव में बनाया जाना चाहिए़  वह भी दर्जनों की संख्या में इस...

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समुद्र से तबाही के तूफान- संदीप निगम

चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ तबाही की कहानी लिख कर कमजोर पड़ चुका है. देश की वैज्ञानिक प्रगति, मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य एवं केंद्र सरकारों के बीच सही तालमेल ने साबित किया कि प्रकृति के कहर को रोका भले न जा सकता हो, लेकिन इसके असर को न्यूनतम किया जा सकता है. समुद्र से चक्रवाती तूफान उठने के कारणों और उसके विभिन्न प्रकार की जानकारी दे रहा...

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ऊर्जा प्रदेश की खोज में- धीरेन्द्र शर्मा

करीब तीन महीने पहले उत्तराखंड में जब तबाही मची, तो एक राष्ट्र के रूप में हम ऐसी हिमालयी आपदा के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन तब भी कुछ पर्यावरणविदों ने यह घोषणा करने में देर नहीं लगाई कि अनियोजित मानवीय गतिविधियों ने इस आपदा को न्योता दिया है। कुछ ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं ने मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। सुरंगों के लिए पहाड़ों में किए जाने वाले विस्फोट ने...

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प्रज्ञा केंद्र से महीने में 90 हजार कमा रहे राकेश

वीएल राकेश कहते हैं कि जल्द ही उनके प्रखंड में इ-नागरिक, मनरेगा का एमआइएस इंट्री, बायोमीट्रिक राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड, पासपोर्ट, इ-मुलाकात आदि सेवा शुरू हो जायेगी.  प्रज्ञा केंद्र के उद्देश्यों में नागरिक, सरकार और वीएलक्ष् तीनों का लाभ निहित है.  पीपीपी मॉडल की इस योजना के जरिये सरकार कैसे गांवों में लोगों को ई-गवर्नेस सेवा प्रदान करने के साथ-साथ एक उद्यमी भी तैयार करने में लगी है. ...

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