SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1588

विचार की स्वतंत्रता का यह दंड - शीतला सिंह

कर्नाटक के प्रगतिशील वामपंथी विचारक, शोधकर्ता, विद्वान और हम्पी कन्नड़ यूनीवर्सिटी के पूर्व कुलपति 77 वर्षीय एमएम कलबुर्गी की उनके स्थानीय निवास पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी.  उनकी बेटी रूपादर्शी का कहना है कि मेरे पिता को ऐसे संगठनों से अपनी जान का खतरा था, जो जाति या सांप्रदायिकता पर उनके खुले विचारों को पचा नहीं पाते थे. इसके पहले मंगलूर के बजरंग दल प्रमुख नेता भुवित...

More »

सवर्ण पटेलों का आरक्षण आंदोलन- डा हरि देसाई

अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...

More »

जानिए, कैसे 7वां वेतन आयोग राज्‍य के खजाने पर डालेगा असर

नई दिल्‍ली। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में आने की उम्‍मीद है। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इसका असर राज्‍यों के खजाने पर ज्‍यादा पड़ने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल वेतन आयोग का गठन हर 10 साल पर बढ़ती हुई महंगाई और कर्मचारियों के हित को ध्‍यान में रखकर किया जाता है। वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार करती है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों...

More »

देशभर में प्‍याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन

देशभर में प्‍याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्‍याज के भाव खुदरा मंडियों में क्‍वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्‍याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्‍याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...

More »

हवाओं के रुख को बताता मोदी का भाषण - के. बेनेडिक्‍ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यूं तो हमेशा की तरह उनकी वक्तृत्व शैली और श्रोताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता की ही एक और बानगी था, लेकिन इस बार का भाषण उनके कई समर्थकों को शायद इसलिए निराशाजनक लगा हो, क्योंकि उसमें पर्याप्त सामग्री नहीं थी। कइयों को उसमें महत्वपूर्ण बातों के बजाय दोहराव और पीआर संबंधी कवायद अधिक लगी। अलबत्ता उन्होंने इस अवसर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close