SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1721

मध्यप्रदेश- राज्यपाल के अभिभाषण में गेहूं उत्पादन में देश का दूसरे नंबर का राज्य बताया

भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज हुई। अभिभाषण में सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए बताया है कि किसान की कड़ी मेहनत और सरकार के प्रयासों के कारण आज गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। इसके अलावा औषधियों, अमरूद, लहसुन में पहले और संतरा, मटर, प्याज, धनिया उत्पादन में देश का तीसरे नंबर राज्य बन चुका...

More »

महिलाओं के मुंह अंधेरे उठकर जाने की मजबूरी कब तलक - मनीषा सिंह

छत्तीसगढ़ में एक संक्षिप्त कार्यक्रम पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 104 साल की एक बुजुर्ग महिला कुंवर बाई का सम्मान करके एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। कुंवर बाई ने अपनी आठ बकरियां बेचकर अपने घर में शौचालय बनवाया था और गांव को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया था। असल में गांव-देहात में महिलाओं के लिए शौचालय एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जागरूकता के तमाम प्रयासों...

More »

देशप्रेम और देशद्रोह के बीच बजट-- पुष्पेश पंत

किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है.  अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...

More »

स्मार्ट शहर से अधिक स्मार्ट स्कूलों की जरूरत- श्रीश चौधरी

शिक्षक को वे सारे कार्य करने हैं, जिनके लिए न तो उसकी नियुक्ति हुई है, न ही वह इच्छुक या प्रशिक्षित हैं. 90% से अधिक बच्चे तीसरी-चौथी कक्षा में पहुंच जाने पर भी अपनी ही कक्षा की हिंदी पुस्तक की दो-चार लाइनें भी दो-चार मिनटों में शुद्ध व सहज स्वर में नहीं पढ़ सकते हैं. मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त बच्चों को पाठशाला में कोई आकर्षण नहीं रह गया है. पढ़िए...

More »

हमारे राष्ट्रवाद की अग्निपरीक्षा- हरीश खरे

जार्ज आर्वेल और उनके 1946 के लेख ‘राजनीति और अंग्रेजी भाषा' का स्मरण करिए। स्मरण करिए राजनीतिक संवाद में भाषा के प्रयोग के बारे में उनकी चेतावनी को : ‘राजनीतिक भाषा की रचना झूठ को सच जैसा और हत्या को आदरणीय कृत्य दिखाने, और कोरी हवाबाजी को वास्तविकता का जामा पहनाने के लिए की जाती है।' आर्वेल को यह समझने के लिए याद करने की जरूरत है कि जेएनयू प्रकरण...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close