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गुजरात : पांच रुपए में मिल रही है 20 किलो गोभी, फिर भी खरीदार नहीं

डीसा (गुजरात)। यहां किसानों पर एक बार फिर हालात की मार पड़ी है। हालत यह है कि 20 किलो पत्ता गोभी का पांच रुपए देने वाला भी नहीं है। वैवाहिक सीजन के बावजूद मांग नहीं। दो सप्ताह से यह स्थिति बनी है। इससे पहले भाव 100 से 150 रुपए के बीच था। बाजार में खरीददार न होने के चलते सब्जी उत्पादक किसान उपज पशुधन को खिलाने को विवश हैं। यह स्थिति उत्तर...

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खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला  संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...

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शहरी इलाकों में आर्थिक असमानता बनी चुनौती- जयंतीलाल भंडारी

देश के शहरों में अमीरी और गरीबी के बीच असमानता के उच्चतम स्तर ने इन दिनों एक बड़ी बहस का रूप ले लिया है। योजना आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 में शहरी क्षेत्रों में अमीरों और गरीबों के बीच में आर्थिक असमानता अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रहा। खासतौर से देश के 10 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और असम...

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मनरेगा पर ज्यादा सरकारी धन खर्च

मनरेगा देश की सबसे बड़ी योजना है, जिस पर केंद्र सरकार 40-42 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है. इसके मकसद के बारे में सभी जानते हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक कानून है, जो शासन को इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह किसी भी ग्रामीण परिवार के वैसे सदस्यों को एक साल में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराये, जो 18 साल...

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गेहूं की बुवाई लक्ष्य के करीब, चना व सरसों का भी रकबा ज्यादा

चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 273.97 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो तय लक्ष्य 280 लाख हैक्टेयर के करीब पहुंच चुकी है। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई बढ़कर 67.53 लाख हैक्टेयर में और चना की बुवाई बढ़कर 86.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। ऐसे में चालू रबी में गेहूं के साथ ही चना और सरसों की पैदावार...

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