अगर आप यूपी सरकार के सलाहकार होते तो इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्देश के बारे में क्या कहते जिसमें याद दिलाया गया है कि जीवन, जीविका और भोजन की पसंद पर पाबंदी नहीं लगायी जा सकती? शायद आप यूपी की योगी-सरकार को कहते कि कोर्ट के निर्देश को गंभीरता से लीजिए क्योंकि यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और इसी यूपी में भोजन और पोषण की कमी के मारे लोगों...
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किसान मदद के मोहताज क्यों हैं -- रमेश कुमार दुबे
तमिलनाडु के कावेरी बेसिन के सूखा-पीड़ित किसान पिछले तीन हफ्तों से इंसानी खोपड़ियों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि दिल्ली के हुक्मरानों को अपनी आवाज सुना सकें। इनका दावा है कि ये खोपड़ियां उन किसानों की हैं जिन्होंने कर्ज के दुश्चक्र में फंस कर आत्महत्या कर ली या भूख ने जिनकी जान ले ली। एक नई प्रवृत्ति यह है कि यहां के लोग आत्महत्या करने वाले किसानों...
More »बढ़ती तपिश के सुलगते सवाल-- मोनिका शर्मा
साल-दर-साल बढ़ती तपिश चिंता का विषय बन रही है। इस साल मार्च के महीने में ही गुजरात और महराष्ट्र में अलर्ट जारी करना पड़ा है। एक ओर जहां गुजरात के अहमदाबाद में भीषण गर्मी के कारण ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पारा रेकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विज्ञानी चढ़ते पारे को बड़ी चिंता का विषय मान रहे हैं। मौसम की...
More »पिछड़ता क्यों गया उत्तर प्रदेश-- हरिवंश चतुर्वेदी
आबादी, क्षेत्रफल और राजनीतिक प्रभुत्व के लिहाज से देश के तमाम राज्यों में उत्तर प्रदेश कितना ही आगे क्यों न हो, औद्योगिक विकास की दौड़ में यह पिछले 25 वर्षों में लगातार पिछड़ता गया है। नतीजतन, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय व राष्ट्रीय आय में फर्क लगातार बड़ा बना हुआ है और मानव विकास के पैमानों पर इस प्रदेश की गिनती अब देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों के साथ...
More »भूख से लड़ना है, तो भोजन की बर्बादी पहले रोकिए-- पंकज चतुर्वेदी
बीते रविवार को ‘मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील करते हुए कहा कि ‘हम प्लेट भर ले लेते हैं, फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें, तो कितने लोगों का पेट भर सकता है?' प्रधानमंत्री ने जिस गंभीरता से भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है, उससे यह उम्मीद बंधी...
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