नई दिल्ली: बीते एक जनवरी 2019 को केंद्रीय सूचना आयोग में चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की गई. चारों लोग रिटायर्ड सरकारी बाबू (पूर्व नौकरशाह या ब्यूरोक्रेट) हैं. आरटीआई कानून की धारा 12 (5) के तहत विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, संचार मीडिया, प्रशासन या शासन के क्षेत्र से लोगों की नियुक्ति बतौर सूचना आयुक्त किया जाना चाहिए. हालांकि मोदी सरकार ने सिर्फ पूर्व नौकरशाह को ही इस...
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कांग्रेस रोज़गार देने में अच्छी नहीं थी, लेकिन मोदी सरकार में हालात और बदतर हो गए: अमर्त्य सेन
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता व अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कांग्रेस रोजगार पैदा करने में सफल नहीं साबित हुई है लेकिन मोदी सरकार ने हालात और बदत्तर बना दिए हैं. इंडिया टुडे के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अमर्त्य सेन ने कहा आर्थिक असमानता का समाधान आरक्षण नहीं हो सकता है. उन्होंने आगे कहा, ‘हम आर्थिक अवसरों के माध्यम से ही आय असमानता की समस्या से निपट सकते हैं.' उन्होंने स्वतंत्रता...
More »सिर्फ प्रचार पर ही ख़त्म कर दिया गया ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का 56 फीसदी बजट
नई दिल्ली: देश में घटते लिंग अनुपात को बढ़ाने और लड़कियों को लेकर पिछड़ी सोच में बदलाव लाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के तहत पिछले चार सालों में आवंटित हुए कुल फंड का 56 फीसदी से ज्यादा हिस्सा केवल उसके प्रचार में खत्म कर दिया गया. ये जानकारी इसी साल बीते चार जनवरी को लोकसभा में केंद्रीय महिला एवं बाल...
More »गरीब बदनसीब के आंसुओं से परेशां - गोपालकृष्ण गांधी
कोई तीस साल हुए। शायद उससे भी कुछ ज्यादा। दिल्ली से मैं रेलगाड़ी में जा रहा था। कहां जा रहा था, यह याद नहीं। पर सफर साफ याद है मुझे, जैसे कि कल नहीं आज हुआ हो। क्यूं? क्या हुआ था उस सफर में जो कि भुलाया ना जाए? कोई हादसा? कोई तिलस्मी अनुभव? किसी ऋषि-मुनि का, संयोग से, जीवन बदल देने वाला दर्शन? नहीं, ऐसा कुछ नहीं! एक गाना। सिर्फ,...
More »जलवायु परिवर्तन के दायरे में दुग्ध उत्पादन भी, नहीं संभले तो अगले साल तक दिखने लगेगा असर
नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग के भारत में असर और चुनौतियों के दायरे में फल और सब्जियों ही नहीं बल्कि दुग्ध भी हैं. जलवायु परिवर्तन के भारतीय कृषि पर प्रभाव संबंधी अध्ययन पर आधारित कृषि मंत्रालय की आंकलन रिपोर्ट के अनुसार अगर तुरंत नहीं संभले तो इसका असर 2020 तक 1.6 मीट्रिक टन दूध उत्पादन में कमी के रूप में दिखेगा. रिपोर्ट में चावल समेत कई फसलों के...
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