बढ़ती महंगाई एक बार फिर चर्चा में है। वरना तो महंगाई का जिक्र चुनावी सभाओं या नीति आयोग जैसी संस्थाओं की गंभीर बैठकों में होता है। अर्थशास्त्री इसे मुद्रास्फीति से जोड़ते हैं तो किसान-दुकानदार 'मुनाफाखोरी" से। महंगाई पर चर्चा क्या सिर्फ आंकड़ों की कलाबाजी है या फिर यह हकीकत से भी जुड़ी है? सरकार का दावा है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों से गिरकर एक अंक की हो गई...
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जानिए क्या है जीएसटी बिल, जिसपर मचा है इतना हंगामा
मल्टीमीडिया डेस्क। 21 जुलाई से लोकसभा का मानसून सत्र आहूत होने जा रहा है। इस सत्र में कई राजनीतिक मुद्दे छाए रहेंगे। इनके बीच एक प्रस्तावित विधेयक पर भी चर्चा होनी है, जो पिछले कई वर्षों से लटका हुआ था। हालांकि 6 मई को यह लोकसभा से पारित हो चुका है। आइए जानते हैं कि जीएसटी क्या है और इसे राज्यसभा में पारित करवाना, सरकार के लिए चुनौती क्यों बनता जा...
More »क्यों जीएसटी है सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
नई दिल्ली। अरविंद सुब्रमणियन समिति की रिपोर्ट और जदयू व बसपा जैसे विपक्षी दलों के समर्थन में आने के बाद अब जीएसटी की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर तमाम अर्थविद इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार मान रहे हैं। आखिर जीएसटी का लागू होना सबसे बड़ा आर्थिक सुधारवादी कदम कैसे होगा। जानकारों की मानें तो जीएसटी का सबसे बड़ा...
More »आयकर देने में इतना परहेज!-- आकार पटेल
कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
More »आयकर का दायरा बढ़ाना ही होगा-- मधुरेन्द्र सिन्हा
बीती सदी के नब्बे के दशक में जब नरसिंह राव और उनके सुयोग्य मंत्री मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, तब समृद्धि का एक दौर आया। उसके साथ ही करोड़पतियों की कतार बढ़ती गई। लंबी-लंबी कारें, बड़े-बड़े अपार्टमेंट और गहनों के चमकते शोरूम आम हो गए। देश में बढ़ते अरबपतियों की तादाद की खबरें दुनिया भर में सुनाई पड़ने लगीं। इन सब के बावजूद आयकर देने...
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