खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »आपदा और राहत
खास बात • देश में ६० फीसदी भूभाग अलग-अलग तीव्रता के भूकंप की आशंका वाला क्षेत्र है। तकरीबन ४ करोड़ हेक्टेयर भूभाग बाढ़ की आशंका वाला क्षेत्र है, ८ फीसदी भूभाग चक्रवात और ६८ फीसदी भूभाग सूखे की आशंका वाला क्षेत्र है।* • प्राकृतिक आपदा के कारण १९९०-२००० के दशक में प्रति साल औसतन ४३४४ लोगों ने जान गंवायी और ३ करोड़ लोग किसी ना किसी तरह प्रभावित हुए।* • अक्तूबर १९९९ का उड़ीसा...
More »यूनियन बजट व अन्य नीतिगत कदम
[inside] पढ़िए 2024-25 के अंतरिम बजट की महत्त्वपूर्ण बातें [/inside] बजट के बारे में सामान्य जानकारी के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये। 2024-25 के बजट भाषण के लिए यहाँ और यहाँ क्लिक कीजिये। संसद की पूरी कार्यवाही देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये। बजट से जुड़ी भारत सरकार की वेबसाइट को हिंदी में देखने के लिए यहाँ और अँगरेजी में देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये। 01 फरवरी को केन्द्रीय वित्त मंत्री...
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