कैसे काइनेटिक समूह के मालिकों ने बैंकों को 200 करोड़ रुपये का चूना लगाया और सरकार ने उन्हें फिर भी सम्मानित किया? राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. उत्तराखंड के टिहरी जिले का एक गांव है सिंजल. बीते दिनों आई आपदा में यहां के कई घर जमींदोज हो गए. हरी सिंह इस गांव के उन लोगों में से हैं जिन्होंने आपदा में अपना सब कुछ खो दिया. लगभग एक महीने बाद सरकार ने आपदा राहत...
More »SEARCH RESULT
विदेश में इलाज का मर्ज- मृणालिनी शर्मा
जनसत्ता 26 सितंबर, 2013 : भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में चुपके से एक फैसला लिया है, जिसके अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा और वन सेवा जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के लगभग पांच हजार कर्मचारी अपने इलाज के लिए विदेश जा सकते हैं। विदेश जाने का हवाई किराया और वहां दो महीने तक रहने का खर्च भी सरकार उठाएगी। दो महीने की यह अवधि अगर जरूरी...
More »शिक्षा केंद्र, बुद्धिजीवी और सत्ता- आनंद कुमार
जनसत्ता 25 सितंबर, 2013 : किसी भी लोकतांत्रिक समाज में सरकार और शिक्षा केंद्रों के बीच का संबंध हमेशा एक सृजनशील तनाव से निर्मित होता है। सरकार की तरफ से शायद ही कभी ऐसा प्रयास हो, जिसमें शिक्षा केंद्रों को अधिकतम स्वायत्तता मिलती है, क्योंकि सरकार शिक्षा केंद्रों में चल रहे ज्ञान-मंथन, तथ्य-विश्लेषण और विद्वानों की स्वतंत्र शोध-क्षमता से सशंकित रहती है। सरकार का काम हमेशा कुछ आधा और कुछ पूरा-...
More »भारत का आदिवासी-खाता मतलब घाटा ही घाटा !
सरकारी नौकरियों में आदिवासी समुदाय के लोगों की मौजूदगी नाम-मात्र को है- एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् द्वारा जारी एक शोध में इस तथ्य की नये सिरे से पुष्टी की गई है। बीते 18 सितंबर को जारी इस शोध के संकेत हैं कि आरक्षण की नीति के बावजूद कुछ मामलों में आदिवासी समुदाय के लोगों का हाशियाकरण लगातार बढ़ रहा है। (पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें). बीते मई महीने...
More »डाक विभाग जल्दी ही जारी करेगा आरटीआई टिकट
तिरच्च्चिरापल्ली। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदन करने वालों को थोड़े समय में डाक घर में आवेदन प्रस्तुत करने की लम्बी प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इसके लिए जल्दी ही ‘आरटीआई टिकट’और विशेष खिड़की व्यवस्था की तैयारी की जा रही है। एक अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर कहा ‘‘केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के मुताबिक विभाग 10 रूपए के आरटीआई टिकट जारी करेगा। हम देश...
More »