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प्लेटों के आने की आवाज तो आ रही है, खाना नहीं आ रहा : अरुण शौरी

अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाया है. ‘इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली, योजना आयोग, संस्कृत भाषा के मुद्दे और केंद्र में राजनीतिक नियुक्तियों पर कटाक्ष टिप्पणियां की हैं. उनकी इस टिप्पणी से नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कुछ खास नहीं होने...

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बढ़ते संसाधन घटता ज्ञान - शंकर शरण

जनसत्ता 11 नवंबर, 2014: एक समय था जब देश के जिला केंद्र ही नहीं, अनेक कस्बों में भी भाषा, गणित और विज्ञान के ऐसे शिक्षक होते थे जिनकी स्थानीय ख्याति हुआ करती थी। यह दो पीढ़ी पहले तक की बात है। तब विद्यालयों के पास संसाधन कम थे और शिक्षकों का वेतन भी बहुत कम था। स्कूल के कमरे, मामूली कुर्सी, बेंच, पुस्तक, छात्र और शिक्षक, यही तत्त्व शिक्षा-परिदृश्य बनाते...

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कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना- पत्रलेखा चटर्जी

जिस देश में मोबाइल फोन की संख्या निजी टॉयलेट से कहीं अधिक है, वहां स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की रातोंरात अपेक्षा नहीं की जा सकती। लोगों की सहभागिता के बगैर इसमें कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी होगा, और यह संवाद के जरिये ही मुमकिन है। एक मित्र की टिप्पणी थी कि अगर कोई झाड़ू कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती, तो इन दिनों इसके शेयर आसमान छू रहे होते। महात्मा...

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मेक इन इंडिया से मेड इन इंडिया तक - डॉ. पीके चांदे

भारत व जापान अपनी समृद्ध संस्कृतियों के साथ दो महान एशियाई सभ्यताएं हैं। लेकिन हम उनके और अपने विकास के बीच बड़ा फर्क देखते हैं। जापान एक ऐसा देश है, जिसने अपनी रचनात्मकता को उभारा और अपने विकास को वैश्विक व्यवस्था के मुताबिक बनाया। शुरुआत में हमने उनके उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठाए, लेकिन आज जापान अपनी गुणवत्ता, विश्वसनीयता और निर्माण प्रक्रियाओं के लिए ही जाना जाता है। अनेक...

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शिक्षा को नवोन्मेषी बनाने की चुनौती- गिरीश्वर मिश्र

आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...

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