सूखे का संकट रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न उबरे, मोती मानुष चून॥ हिमांशु ठक्कर वर्षों पूर्व रहीम की वाणी ने जिस संकट के प्रति आगाह किया था, वह आज फिर यथार्थ के रूप में हमारे सामने है. कुछ माह पहले तक सूखे का जो संकट मराठवाड़ा और बुंदेलखंड जैसे कुछ इलाकों तक सीमित था, वह अब देश के दस से ज्यादा राज्यों में फैल चुका है. सूखे और...
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भारत में विकसित नयी वैक्सीन की दुनियाभर में सराहना..
रोटावायरस डायरिया भारत सहित कई देशों में नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है. भारत में हर साल करीब नौ लाख बच्चों को इसके कारण अस्पतालों में भर्ती करना पड़ता है, जिनमें से 80 हजार से एक लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. लेकिन, इससे बचाव की विदेशी दवाएं इतनी महंगी थीं कि हर किसी के लिए उसका सेवन करना आसान न था....
More »कब कमर कसेगी सरकार-- शंकर अय्यर
आप इसे बजट राग कह सकते हैं, जो पैसे के मूल मंत्र पर केंद्रित है। बजट के मौसम में सरकारी विचार कक्ष में पैसे के बारे में काफी चर्चा होती है। इस बार भी चर्चा हो रही है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना चाहिए या उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए। चर्चा इस पर भी है कि किसे दर्द सहना चाहिए और किसे फायदा होगा। विकास का सिद्धांत...
More »जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य जरूरी- भरत झुनझुनवाला
केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
More »27 फीसदी प्रोटीन वाले तिवरा पर मिलावटखोरी का डंडा
गौतम चौबे/रायपुर। गरीबों के प्रोटीन तिवरा (लाखड़ी) में हानिकारक तत्व नहीं होने के बावजूद उस पर खाद्य सुरक्षा का डंडा चल रहा है। आज तक किसी भी वैज्ञानिक ने तिवरा के हानिकारक होने की पुष्टि नहीं की है। नागपुर के समाजसेवी शांति लाल कोठारी ने तिवरा को लेकर उच्च अदालत तक केस लड़ा है और इसके हानिकारक होने की पुष्टि करने वाले को एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा...
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