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रोक से नहीं रुकेगी किराये की कोख- रंजना कुमारी

सरोगेसी, सरोगेसी, विधेयक, 2016, भारत में सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं, खासकर गरीब तबके की औरतों का काफी शोषण हो रहा था। उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा था, और उनके स्वास्थ्य के प्रति भी लापरवाही बरती जा रही थी। सरोगेसी (नियमन) विधेयक, 2016 को लाया जाना वक्त की जरूरत थी, मगर इस रूप में नहीं, जैसा लाया गया है। भारत में सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं, खासकर...

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दो मोर्चों पर सबसे ज्यादा नाकाम रहे नरेंद्र मोदी-- तवलीन सिंह

रियो में फिर वही हुआ, जो अक्सर होता है भारतवर्ष के साथ ओलंपिक खेलों में। यानी छोटे-छोटे देश हमारे विशाल देश से ज्यादा पदक हासिल कर जाते हैं। इस बार दो महिलाओं ने लाज बचाई, वरना शायद खाली हाथ लौट कर आते हमारे खिलाड़ी। जैसा अक्सर होता है, जब भारतवासी दुनिया के मुकाबलों में नाकाम होते हैं, विशेषज्ञ निकल कर आए अपने बिलों से विश्लेषण करने। सो, इस बार हमको...

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इरोम की कहानी कुछ कहती है - शशिशेखर

आजादी' शब्द के अर्थ-अनर्थ का अगर असली मतलब समझना है, तो इरोम शर्मिला के सफरनामे को गौर से परखिए। प्याज के छिलकों की तरह परत-दर-परत सत्य अपने समस्त स्वरूपों में खुलता चला जाएगा। मुझे इरोम के प्रति सम्मानपूर्ण सहानुभूति है। गांधी के बाद वह पहली ऐसी भारतीय योद्धा हैं, जिन्होंने साबित किया कि सिर्फ अहिंसक आंदोलन लंबा चल सकता है। इरोम ने तथाकथित खूनी कानून ‘अफ्स्पा' को हटाने के लिए...

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मनमाने उपचार से बढ़ता मर्ज --- मोनिका शर्मा

हाल ही में अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक सामान्य-सी बात कही, जो सेहत के लिहाज से न केवल हमारे आज, बल्कि आने वाले कल के संदर्भ में भी बेहद जरूरी बात है। उन्होंने कहा कि ‘‘डॉक्टर के कहने पर ही एंटीबायोटिक लें, चिकित्सकों के निर्देश के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें। एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आदत एक बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है। यह...

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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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