मुझे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बहुत उम्मीदें थीं। गए साल बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में फसलें तबाह हो गई थीं। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में किसान उत्सुकतावश नई फसल बीमा योजना की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। हालांकि नई योजना को सरकार की ओर से गेमचेंजर बताया गया, लेकिन मैं जब इसकी...
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किसानों को उचित दाम दीजिए- भरत झुनझुनवाला
किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार संवेदनशील दिखती है, पर मात्र संवेदनशीलता से बात नहीं बनती है. पाॅलिसी की दिशा भी सही होनी चाहिए. मात्र उत्पादन बढ़ाने से किसान का उद्धार नहीं होगा. साठ के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत परती पड़े रहते थे. सिंचाई रहट और ढेकली से होती थी. आज पूरे क्षेत्र में ट्यूबवेल का जाल बिछ गया है. बैल के स्थान पर ट्रैक्टर से खेती हो...
More »बिचौलियों का खेल है कीमत वृद्धि-- रघु ठाकुर
सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला किया है। कहा गया है कि किसानों को प्याज की पर्याप्त कीमत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात का निर्णय किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह कह कर रोक लगाई थी कि प्याज के दाम बहुत बढ़ गए हैं और उत्पादन और उपलब्धता कम है। उस समय शहरों के बाजारों में प्याज के दाम बढ़...
More »'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »राेजगार मिले तो पलायन रुके-- विवेक त्रिपाठी
प्रत्येक व्यक्ति को अपना मकान सुखद अनुभूति देने वाला होता है। धनी वर्ग के सामने अपना मकान बनाना किसी समस्या की भांति नहीं होता क्योंकि उसके पास धन की कमी नहीं होती। मध्य वर्ग अपनी जीवन भर की कमाई से आशियाना बनाने का प्रयास करता है, लेकिन निम्न वर्ग के लिए यह सपना ही रहता है। आज तक इस सपने में सिर्फ राजनीति ही होती रही है। इसके लिए किसी...
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