सर्वोच्च न्यायालय ने जाट समुदाय को केंद्रीय सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण की अधिसूचना रद्द कर दी। न्यायालय का यह फैसला राजनीतिक दलों के लिए एक सबक है, जो सियासी गरज से आरक्षण की नई-नई मांगों को हवा देते रहते हैं। इस क्रम में वे कई बार यह देखना भी गवारा नहीं करते कि कोई समुदाय आरक्षण का हकदार है या नहीं। जाटों...
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' पीडीएस में बदलाव से 50 फीसदी लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा '
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किया जाने वाला कोई भी सुधार पर्याप्त सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि पीडीएस में किये जाने वाले किसी भी बदलाव से कम से देश की 50 प्रतिशत से भी ज्यादा आबादी की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा। यह बात आर्थिक मामलों में शोध की अग्रणी संस्था नेशनल काऊंसिल ऑफ अप्लॉयज इकॉनॉमिक रिसर्च(एनसीएआऱ) द्वारा हाल ही में जारी एक नोट में कही गई है।(देखें एनसीएआर की नोट की...
More »हमसे स्कूल मत छीनो - निवेदिता
मेरा शहर निहायत बदसूरत है। एक ऐसा शहर जहां पेड़-पौधे नहीं हैं, बाग नहीं हैं और जहां मौसम का फर्क सिर्फ आसमान में नजर आता है। उसके बावजूद कुछ है जिसने घोर दुखों के बीच जीवन को बनाए रखा है, सपने मरने नहीं दिए और जिसने लजाते सौंदर्य का उसकी खोह तक पीछा किया। सबसे अहम बात है जिंदगी के पक्ष में खड़ा रहना, अपनी दुनिया की बेहतरी के लिए...
More »छुआछूत मुक्त भारत क्यों नहीं- सुरेन्द्र कुमार
जिन साथी भारतीयों ने ईसाई या इस्लाम कुबूल कर लिया, उनकी दुर्दशा पर कुछ लोगों को विलाप करते देखना चमत्कार ही है। इसलिए वे अब उन 'अभागों' को वापस हिंदू धर्म में शामिल कर उनके दुर्भाग्य को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं! वास्तव में, वे भारत में हिंदुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। उनके लिए उन लोगों की स्थितियां कोई मायने नहीं रखती, जिनका धर्मांतरण या...
More »नोबेल शांति पुरस्कार का पैगाम - सत्येंद्र रंजन
भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर बेशक दोनों देशों के वंचित समूहों के बच्चों और उनके अधिकारों पर नए सिरे से रोशनी पड़ेगी। सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन" ने इस कड़वी हकीकत से देश को परिचित कराए रखा है कि बंधुआ मजदूरी को अपराध बनाने, बाल मजदूरी को गैरकानूनी ठहराने और प्राथमिक शिक्षा को मूल अधिकार...
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