कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से एडटेक कंपनियों द्वारा शारीरिक कक्षाओं के विकल्प के तौर पर प्रचारित ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षा, का हमारे देश में एक बड़ा उपभोक्ता आधार बन गया है. हालाँकि, समाज के वचिंत वर्गों में, ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव और फैलाव बहुत कम है. वास्तव में, हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद वर्ग और जाति-विभाजन की गहरी जड़ें डिजिटल शिक्षा तक लोगों की पहुंच को प्रभावित करता...
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शाकाहारवाद महज़ आहार का मामला नहीं है…
-द वायर, ‘भविष्य की खोज’ – यही शीर्षक था उस दार्शनिक व्याख्यान का, जिसे जाने-माने ब्रिटिश लेखक जनाब एचजी वेल्स ने लंदन के रॉयल इंस्टिट्यूशन के सामने दिया था. (1902) आज के वक्त़ भले ही दुनिया उन्हें ज्यूल वर्न्स के साथ साइंस फिक्शन के जन्मदाता को तौर पर अधिक जानती हो, लेकिन अपने जमाने में वह प्रगतिशील सामाजिक आलोचक के तौर पर मशहूर थे और उन्होंने कई विधाओं में लेखन किया...
More »ग्राउंड जीरो: गुम है रोशनी कहीं
-आउटलुक, “दुनिया के सामने तालिबान की पेश हुई उदार छवि उसके सत्ता कब्जाने के तरीके से कैसे हवा हुई और अफगानी समाज के विभिन्न तबकों का नजरिया क्या” हम पर और ताजा-ताजा कब्जे वाले काबुल पर पूरी दुनिया की नजर है। लेकिन 18 अगस्त को राजधानी से 240 किमी. उत्तर-पश्चिम के शहर से ऐसी खबर आई, जो बताती है कि अफगानिस्तान में आगे क्या होने वाला है। पहाड़ियों और रहस्यमय गुफाओं की...
More »मुजफ्फरनगर में दस लाख किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत
-जनपथ, VOICES मुजफ्फरनगर में दस लाख किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत, 27 को भारत बंद September 5, 2021 - by जनपथ - Leave a Comment संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस विज्ञप्ति 283वां दिन, 5 सितंबर 2021 मुजफ्फरनगर किसान मजदूर महापंचायत को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा और यह भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा: एसकेएम एसकेएम ने 27 सितंबर को भारत बंद को पूरे देश में एक बड़ी सफलता बनाने का आह्वान किया एसकेएम उन लाखों किसानों को...
More »विमुक्त-घुमंतू जनजातियों का आजादी दिवस और अखबारों का सन्नाटा!
-गांव सवेरा, अंग्रेजी के एक भी अखबार में डिनोटिफाइड ट्राइब्स के आजादी दिवस समारोह को लेकर कोई खबर नहीं है. अंग्रेजी के जिन अखबारों को हमारी टीम ने टटोला उनमें द हिंदू, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया, द पायनियर, हिंदुस्तान टाइम्स अखबार शामिल रहे. वहीं हिंदी के अखबारों का भी यही हाल रहा. कल 31 अगस्त को विमुक्त-घुमंतू जनजातियों या डिनोटिफाइड ट्राइब्स (डीएनटी) ने अपना 70वां आजादी दिवस मनाया. हिंदी...
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