द वायर, 5 जुलाई निरस्त हो चुके तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति का गठन किया गया और न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज फ़र्ज़ी मामले वापस लिए गए हैं. नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को केंद्र सरकार के...
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बिहार में यूरिया की भारी कमी और कालाबाजारी से किसान परेशान
-डाउन टू अर्थ, मौजूदा रबी सीजन में रासायानिक उर्वरक की भारी कमी और दोगुने दामों में उसकी कालाबाजारी से पूरे बिहार के किसान चिंतित हैं। उनका कहना है कि इसका असर रबी की फसल पर पड़ सकता है, जिससे उन्हें नुकसान होगा। बिहार के किसानों को केंद्र सरकार की ओर से कम आपूर्ति के चलते पिछले साल खरीफ सीजन के दौरान भी उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ा था। रिपोर्टों के मुताबिक,...
More »आखिर सरकार ने मानी आवारा पशुओं की समस्या की बात
-रूरल वॉइस, नगलिया बल्लू, चंदौसी, संभल, निघासन, लखीमपुर खीरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए 10 मार्च के बाद नई व्यवस्था लागू की जाएगी। उनका आशय यह था कि 10 मार्च को नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बनेगी, तब इस समस्या पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि किसान कई वर्षों से इस समस्या से...
More »यूपी चुनाव: मीठे चुनावी वादे और गन्ना किसानों की कड़वी सच्चाई
-इंडिया स्पेंड, उत्तर प्रदेश चुनाव में गन्ना किसानों के भुगतान का मुद्दा फिर उठ रहा है। एक ओर मौजूदा सरकार रिकॉर्ड भुगतान के दावे कर रही है। वहीं, विपक्ष के नेता भुगतान में देरी की बात करते हुए सरकार बनने पर 15 दिन के अंदर भुगतान की बात कर रहे हैं। इन तमाम दावों और वादों से इतर किसान अपने गन्ने के पेमेंट की बाट जोह रहा है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के किसान मनजीत...
More »ऐसी MSP योजना जो खेती का उद्धार करे
-गांव सवेरा, किसानों का संघर्ष जारी है। यह राजनीतिक सत्ता हासिल करने का संघर्ष नहीं है। यह संघर्ष है भारत की खेती और खेतिहर आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका और रहन सहन को बेहतर करने का जो देश के ज्यादातर हिस्सों में बहुत ही बुरी दशा में है। इसलिए यह निहायत जरूरी हो गया है कि इस शांतिमय जनांदोलन को एक नई दिशा दी जाए ताकि छोटी खेती किसानी...
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