बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है। यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार...
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सरकार नहीं मानती भूख से हुई हैं मौतें
संकट : चाय बागानों में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, और पांच श्रमिकों की मौत एक तरफ उत्तर बंगाल के चाय बागानों में भूख और इलाज के अभाव में श्रमिक लगातार दम तोड़ रहे हैं. लेकिन मंगलवार को राज्य सरकार ने साफ कह दिया कि किसी श्रमिक की भूख या इलाज के अभाव में मौत नहीं हुई है. राज्य से श्रम मंत्री मलय घटक ने िवधानसभा में सवालों के जवाब...
More »यूपी : फसल बीमा वाले किसानों की तादाद राष्ट्रीय औसत से पांच गुना कम
सूखे की मार से बुंदेलखंड(यूपी) के बारे में आ रही भुखमरी की खबरों के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के तकरीबन सवा दो करोड़ किसानों में केवल 8 लाख किसानों ही फसल का बीमा करवा सके हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में फसल बीमा वाले किसानों की संख्या राष्ट्रीय औसत से तकरीबन सवा पांच गुना कम है. देश में 20 प्रतिशत...
More »सवा 13 सौ पंचायतों में मनरेगा की फूटी कौड़ी खर्च नहीं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ की एक हजार 327 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में न तो कोई कार्य मंजूर नहीं किया गया है और न ही कोई राशि खर्च की गई है। जबकि राज्य की 150 तहसीलों में से 117 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसके बावजूद राज्य की दस हजार 971 ग्राम पंचायतों में से एक...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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