कोलकाता, 9 फरवरी (एजेंसी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने और राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने का आग्रह किया। ममता ने संवाददताओं को बताया, ‘‘मैं लंबे वक्त से प्रधानमंत्री को ऐसे पत्र लिखती रही हूं। मैंने फिर उन्हें पत्र लिखा है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व की वाम मोर्चा सरकार के वक्त से ही ऐसी मांग की जा रही...
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काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार: प्रणब
नई दिल्ली, 15 दिसंबर। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में भरोसा दिया कि सरकार विदेश में जमा भारतीयों के काले धन से संबंधित सभी जानकारियों के साथ जल्द एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का ब्योरा देते हुए ऐसे भारतीय खाताधारकों के नामों को सार्वजनिक करने में सरकार की असमर्थता जताई। साथ ही यह आश्वस्त किया कि विभिन्न देशों से अब तक इस बारे में जो भी नाम...
More »खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज
सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं। मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...
More »अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
More »किसानों के कब्जे से आवाजाही ठप, ब्यास पुल पर दूसरे दिन भी डटे रहे
अमृतसर/ब्यास. ब्यास पुल पर किसानों के धरने के कारण पैदा हुई जाम की स्थिति से आमजन खासा परेशान है। जाम के कारण अमृतसर सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया है। 70 प्रतिशत बसें अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकीं। बसों व निजी वाहनों से अमृतसर से जालंधर के रास्ते होकर दिल्ली या चंडीगढ़ जाने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कुछ यात्री तो बीच रास्ते ही बसों में उतर...
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