रांची। राजधानी समेत पूरे राज्य में इलाज कराने वाले मरीज 10 रुपए की दवा 60 रुपए में खरीदने को विवश हैं। एक ही रोग के निवारण के लिए बाजार में बिकनेवाली दवाओं की कीमतों में जमीन-आसमान का फर्क है। केंद्र सरकार ने आम इस्तेमाल में आने वाली 68 दवाओं की कीमत तय कर रखी है, लेकिन दवा निर्माता कंपनियां नियमों को नहीं मानती हैं। जिन दवाओं की कीमत 10 रुपए तय की...
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दूसरे प्रदेशों को भा रही नालंदा की फूलगोभी
नालंदा की फूलगोभी दूसरे प्रदेशों के लोगों को खूब भा रही है. नालंदा से रोज 60 ट्रक फूलगोभी झारखंड, ओड़िशा, कोलकाता व दिल्ली भेजी जा रही है. केवल बाजार समिति, बिहारशरीफ से पांच-सात ट्रक फूलगोभी रोज भेजी रही है. खास कर यहां की जैविक फूलगोभी की मांग अन्य प्रदेशों में काफी है. जैविक ग्राम सोहडीह से सात ट्रक जैविक फूलगोभी इन प्रदेशों में विशेष मांग पर भेजी जा रही...
More »आंदोलन से आगे- एन के सिंह
जनसत्ता 29 अक्टुबर, 2012: यह मानना गलत होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली के सरकार द्वारा काटे गए कनेक्शन फिर से जोड़ कर जनता को कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बरगलाया है। दरअसल, यह हमला उस मर्मस्थल पर है जिसे हम शासन करने की वैधानिकता कहते हैं। यह आघात एक सड़ी हुई व्यवस्था पर है जिस पर से जनता का विश्वास लगभग उठ चुका है। गांधी ने भी यही किया था। सविनय-अवज्ञा...
More »आंदोलनों से सीखा जिंदगी का ककहरा- गुंजेश की रिपोर्ट
1951 के आसपास जब जयपाल सिंह और उनकी झारखंड पार्टी आदिवासियों के लिए भारतीय संघ के भीतर स्वायत्तता का रास्ता ढूंढ़ रहे थे, उसी वक्त पूर्वोत्तर भारत में नगाओं का अतिवादी समूह अलग राष्ट्र के सपने देख रहा था. ऐसे समय में हजारों मील दूर पंजाब की फरीदकोट छावनी में एक फौजी परिवार के यहां एक लड़की ने जन्म लिया. 1964-68 में यह लड़की परिवार के साथ शिलांग पहुंचती है. जहां फौजी...
More »विस्थापन का विकास- भारत डोगरा
हमारे देश में विकास के मौजूदा दौर में विस्थापन की समस्या बहुत विकट हो गई है। एक ओर पहले हुए विस्थापन से त्रस्त लोगों को अभी न्याय नहीं मिल पाया है, तो दूसरी ओर उससे भी बड़े पैमाने पर किसान और विशेषकर आदिवासी किसान नए सिरे से विस्थापित हो रहे हैं। हाल ही में जन सत्याग्रह संवाद के कार्यक्रम के अंतर्गत देश के लगभग साढ़े तीन सौ जिलों में भूमि संबंधी...
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