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संसद के जरिए ही मिले खाद्य-सुरक्षा--- भंवर मेघवंशी

सहयोगी दलों के विरोध के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल को खाद्य सुरक्षा पर अध्यादेश लाने के अपने विचार को फिलहाल टालना पड़ा है। हालांकि, सरकार के जिम्मेदार लोगों ने संकेत दिए हैं कि अभी सरकार ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। वह समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे सहयोगी दलों और भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर सहमति बनाने की कोशिश जारी रखेगी। साथ ही यह...

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सूचना अधिकार की नजर- कनक तिवारी

जनसत्ता 17 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग के ताजा निर्णय के कारण राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है। आयोग का फैसला राजनीतिक पार्टियों की पीठ पर कोड़ा मारता दिखा, लेकिन उसे दलों ने पेट पर लात मारने की शक्ल में माना और अपनी जगहंसाई कराई। आयोग के सामने प्रश्न था कि क्या सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ज) के अनुसार राजनीतिक दलों को लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) माना जा...

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पारदर्शिता का पैमाना और पार्टियां- शीतला सिंह

जनसत्ता 11 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने एक फैसले में राजनीतिक दलों को सूचना आयोग कानून के तहत जवाबदेह माना है। आयोग की पूर्णपीठ ने राजनीतिक दलों का यह तर्क नहीं स्वीकार किया कि वे सरकारी सहायता से चलने, उनसे अनुदान प्राप्त करने वाले संगठन नहीं हैं इसलिए वे इस कानून से मुक्त हैं। केंद्रीय सूचना आयोग का मानना है कि वे केंद्र सरकार की ओर से परोक्ष...

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मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर किसानों ने लगाया ग्रहण

अहमदाबाद। औद्योगिक विकास के रूप में गुजरात एक ओर देश के समक्ष मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है वहीं, दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के धालेरा स्थित ड्रीम प्रोजेक्ट स्पेशियल इन्वेस्टमेंट रिजन के खिलाफ 44 गांवों के किसान लामबद्ध हो गए हैं। किसान कहते हैं जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं, पुरखों की जमीन में से एक इंच जमीन सरकार को नहीं देंगे, सरकार ने अपनी नीति...

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माओवाद को लेकर मतिभ्रम- विनोद कुमार

जनसत्ता 31 मई, 2013: झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के वनक्षेत्र वाले इलाकों में माओवादी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। हाल में झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर हमला कर माओवादियों ने तीन दर्जन लोगों को मार डाला। इस हमले में मारे जाने वाले कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता हैं। आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अगर ‘विकास...

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