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कोई गुलाम योद्धा यह ना पूछे- क्यों युद्ध हारे( दैनिक जागरण, रांची संस्करण)

बीहड़ों में बागी होते हैं, डाकू तो पार्लियामेंट में होते हैं। फिल्म पान सिंह तोमर का यह डायलॉग सबकी जुबान पर है। आठ बार नेशनल चैंपियन रह चुके एथलीट पान सिंह तोमर सरकारी व्यवस्था में घिसकर अंतत: हथियार उठा लेता है और चंबल के बीहड़ों का कुख्यात डकैत बन जाता है। पलामू में 2001 में एक नक्सली श्याम बिहारी उर्फ विनय जी उर्फ सलीम ने आत्मसमर्पण किया था। उसे...

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गेहूं खरीद में आ सकती है मुश्किल : दीपक मौदगिल की रिपोर्ट

पटियाला. गेहूं के आगामी खरीद सीजन में पंजाब की नई अकाली-भाजपा सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। राज्य की तीन सरकारी फूड एजेंसियों पंजाब एग्रो फूड कापरेरेशन, पनसप और पंजाब वेयरहाउस कापरेरेशन के स्टाफ में सरकार की रिकवरी नीति के प्रति नाराजगी इसका कारण बन सकती है। इन एजेंसियों की संयुक्त रूप से गठित फूड ग्रेन एजेंसीज कोआर्डिनेशन कमेटी ने इस बारे में इस सप्ताह के अंत...

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असम के चाय-बागान में भुखमरी से मौत

इतिहासकार बताते हैं कि अंग्रेजीराज के समय देश के पूर्वोत्तर के चाय-बागानों में काम करने वाले मजदूर बड़ी दीन-दशा में थे, तकरीबन बंधुआ मजदूर की दशा में। आजादी के बाद, इनकी दशा कुछ सुधरी। गुजरे कुछ दशकों में देश के चाय-उद्योग ने उन सालों में भी मुनाफा कमाया जिन सालों को आर्थिक-प्रगति के लिहाज से बेहतर नहीं माना जाता। ठीक इसी कारण, असम के चाय-बागानों से आने वाली भुखमरी की...

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जल की जमींदारी- राजकुमार सोनी(तहलका)

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के गांव महमरा के बाशिंदे आज भी इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते कि सदियों से उनकी जीवनरेखा रही शिवनाथ नदी पर अब उनका पहले जैसा अधिकार नहीं रहा. यहां के एक ग्रामीण साधुराम बताते हैं, 'हमें तो अब नदी की तरफ जाने में ही डर लगता है कि कोई कुछ कह न दे.' दरअसल शिवनाथ छत्तीसगढ़ की...

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असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर

खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...

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