आज हमारे अन्न भंडार भरे हुए हैं। देश ने पिछले साल रेकॉर्ड 73.5 मिलियन टन गेहूं पैदा किया है। अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन ई. बोरलॉग नहीं रहे, पर इसका बहुत कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है। भारत और पाकिस्तान समेत कई और विकासशील देशों को अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में उनके द्वारा शुरू किए गए कृषि नवाचारों का योगदान रहा है। साठ के दशक में जब तत्कालीन...
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प्रधानमंत्री ने बोरलॉग के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, "डॉ़ नॉर्मन बोरलॉग के निधन से एक युग का अवसान हो गया है, जिसमें उन्होंने कृषि में वैज्ञानिक क्रांति का सूत्रपात किया। साठ के दशक में जब देश भोजन की गंभीर कमी से जूझ रहा था उस समय डॉ़ बोरलॉग के उच्च उपज वाले बीजों के आने से भारतीय कृषि में प्रौद्योगिकीय क्रांति का पदार्पण हुआ जिससे देश को अनाज के मामले में...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »ना ना करो बहाना करो- प्रभाष जोशी
फरियादी भी थे, और मुंसिफ भी था-फरियाद हुई मगर फैसला नहीं हुआ। कारण, मुंसिफ बीच बहस से उठकर चला गया। कुछ ऐसा ही नजारा पेश आया जयपुर स्थित स्थानीय विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग के सभागार में। मौका था मजदूर किसान शक्ति संगठन और साथी संगठन द्वारा आयोजित जन-सुनवाई का और शिकायतें थीं राजस्थान के सूचना आयुक्त के कार्यालय से। सूचना आयुक्त एम डी कौरानी आये और सैकड़ों फरियादियों से भरी...
More »वाई एस आर- एक नाम गरीबों के दर्दमंद का
कोई कहता था वाई एस राजशेखर रेड्डी तो कोई सिर्फ वाई एस आर । मेडिकल की पढ़ाई फिर प्रैक्टिस और उसके बाद राजनीति में उतरे आंध्रप्रदेस के मु्ख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी का आकस्मिक और दुखद निधन अधिकारों के दायरे को बढ़ाकर भारत का विकास करने वाली सोच पर एक आघात की तरह है। राजशेखर रेड्डी ने नरेगा और वृद्धावस्था पेंशन जैसे सैकड़ों ग्रामीण विकास योजनाओं को लागू करने में अग्रणी भूमिका...
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