चार्ल्स डिकेंस के उपन्यास 'अ टेल ऑफ टू सिटीज" की मशहूर पंक्तियां हैं : 'वह सबसे बेहतरीन दौर था, लेकिन वह सबसे बदतर भी था।" दिल्ली सरकार के सम-विषम फॉर्मूले के परिप्रेक्ष्य में हम डिकेंस के इस संवाद को बदलकर यूं भी कर सकते हैं कि 'वह एक बेहतरीन विचार था, लेकिन वह बदतर भी था!" हां, यह जरूर है कि दिल्ली सरकार के इस निर्णय के बाद इस महानगर...
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आपदा राहत की उलझी कड़ियां-- शैलेन्द्र चौहान
भारत में लोगों को आपदा से बचाना या तत्काल राहत पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? पिछले पांच दशक से सरकार भी इस यक्ष प्रश्न से जूझ रही है। दरअसल, आपदा प्रबंधन तंत्र की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों को कुदरती कहर से बचाने की जिम्मेदारी कई महकमों पर है। जब लोग बाढ़ में डूब रहे होते हैं, भूकंप के मलबे में दब कर छटपटाते हैं या फिर ताकतवर तूफान...
More »हरियाणाः खुले में शौच करने पर काट डाला हाथ
पानीपत। खुले मैदान में शौच करने पर एक व्यक्ति का हाथ काटने का मामला प्रकाश में आया है। हमलावर जाते-जाते पीड़ित को धमकी भी दे गया कि भविष्य में ऐसी गलती मत करना। इस वारदात से लोग सहमे हुए हैं। करनाल के कोहंड गांव का प्रमोद शर्मा सेक्टर 13-17 में अपनी साली के लड़के की शादी में आया था। 5 दिसंबर की सुबह करीब छह बजे प्रमोद शौच के लिए सेक्टर-13...
More »चार जिलों के किसानों ने एक होकर सरकार को ललकारा
राजनांदगांव (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन मुख्यालय में सोमवार को राजनांदगांव समेत 4 जिलों के किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीवी और बच्चों को लेकर आए किसानों ने रैली और सभा के जरिए सरकार को सावधान किया कि धान पर बोनस दें और समर्थन मूल्य 2100 रुपए करें। अन्यथा वे कुर्सी हिला देंगे। रैली में करीब 10 हजार किसानों ने हुंकार भरी। राजनांदगांव के अलावा बालोद,...
More »साफ पर्यावरण किसकी जिम्मेदारी!--- पुष्परंजन
दिल्ली के जिस वसुंधरा इन्कलेव में मैं रहता हूं, वहां 56 हाउसिंग सोसाइटी हैं, और उसके पीछे एक गांव है, दल्लूपुरा. इस गांव में कबाड़ का कारोबार लंबे समय से फलता-फूलता रहा है.अक्सर कबाड़ी कूड़े में प्लास्टिक, रबर और रसायन जलाते हैं, जिससे आसपास के अपार्टमेंट में रहनेवालों का जीना दूभर हो जाता है. पुलिस में इसकी लगातार शिकायत गयी, तब यह कुछ समय के लिए रुका. यह इसलिए नहीं...
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