पच्चीस साल पहले बाजार खुला था। प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह की उदार नीति के तहत यह नई संरचना बनी थी। उससे पहले हाट लगा करती थी। हर हफ्ते या फिर बड़ी जगहों में हफ्ते में दो बार। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोस में पंसारी था या फेरीवाले। हफ्ते की हाट में खरीद-फरोख्त तो होती ही थी, साथ में गपशप भी हो जाती थी। विक्रेता ग्राहक को...
More »SEARCH RESULT
कहानी रोशनी की और नौ लाख अति कुपोषित बच्चों के जीवन का सच
वैसे तो यह पूर्णिया जिले के सुदूरवर्ती गांव चंदरही की एक बच्ची और उसके परिवार की कथा है, मगर इस कथा में झांकेंगे तो बिहार के नौ लाख गंभीर रूप से अतिकुपोषित बच्चों के पारिवारिक जीवन की झलक मिलेगी. यहां एक मां है, जिसकी 12 साल की उम्र में शादी हो गयी. परिवार नियोजन के उपायों का पता नहीं था, सो 11 बच्चे हो गये. उनमें से पांच बेहतर स्वास्थ्य...
More »बालश्रमः मुरझाने न पाए पौध
रोचिका शर्मा : बाल मजदूरी हमारे देश की एक बड़ी समस्या है। दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत में हैं। छोटे शहरों में बच्चे जहां अपने पारिवरिक धंधों में लगे हैं वहीं बड़े शहरों में हर गली-मुहल्ले में या नुक्कड़ पर गांवों से लाए गए बच्चे या शहर की ही गरीब बस्तियों के बच्चे होटलों, घरों, लघु-उद्योगों आदि में बर्तन धोते, साफ-सफाई करते या सिलाई-बुनाई करते नजर आ जाते हैं।...
More »नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश ने ली शपथ
काठमांडू। नेपाल की न्यायपालिका के 64 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला ने मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला है। 64 वर्षीय सुशीला कार्की ने सोमवार को देश के 25वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। कार्की के नाम की सिफारिश 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री केपी ओली की अध्यक्षता वाली संवैधानिक परिषद ने की थी। कार्की को राष्ट्रपति ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह पिछले तीन महीने से...
More »सड़क न पगडंडी, कुंआरों को नहीं मिलतीं दुल्हनें-- जीतेन्द्र कुमार झा
जमुई जिले के इस गांव में जब कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है, तो उसे अस्पताल ले जाने में लोगों की सांस अटक जाती है। इलाज के अभाव में कई लोग असमय दम तोड़ देते हैं। यह गांव है जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर पर बसा लठाने नीचली टोला। पीड़ा यह कि गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क तो छोड़िये, कच्ची सड़क भी नहीं है।...
More »