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भारत को डब्ल्यूटीओ की दोषपूर्ण सब्सिडी व्यवस्था को जल्द चुनौती देने की जरूरत

-रूरल वॉइस, भारतीय किसानों ने अपने हक़ के लिए लंबा संषर्ष कर विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने पर सरकार को मज़बूर किया है और साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। अब इसी बीच गन्ने और चीनी पर किसानों को दी जा रही सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भारत को दोषी ठहराया है।  विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के डिस्प्यूट सेटलमेंट पैनल ने गन्ने...

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देश भर के डॉक्टरों के प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने की वजह क्या है

-द वायर, भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच देश के हजारों सरकारी डॉक्टर्स अस्पताल बंद कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. उनकी मांग है कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा-पोस्टग्रैजुएट (नीट-पीजी) पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए. नीट-पीजी की परीक्षा इस साल सितंबर में हुई थी. काउंसलिंग के बाद इन डॉक्टर्स को मेडिकल कॉलेजों में...

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भारतीय लोकतंत्र में लगातार बढ़ रही आर्थिक असमानता पर चर्चा कब होगी?

-जनपथ, विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के आंकड़ों के बाद भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता फिर चर्चा में है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में एक प्रतिशत सर्वाधिक अमीर लोगों के पास 2021 में कुल राष्ट्रीय आय का 22% हिस्सा था, जबकि शीर्ष 10% लोग राष्ट्रीय आय के 57 प्रतिशत भाग पर काबिज थे। हमारे देश की आधी आबादी सिर्फ 13.1 फीसदी कमाती है। रिपोर्ट के आने के बाद होने वाली चर्चाएं प्रायः शीर्ष...

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गुणवत्तापरक शिक्षा तथा मानवाधिकार का सवाल और हमारी जिम्मेदारी

-जनपथ, किसी भी जीवात्मा के मानव जाति में प्रवेश के साथ ही उसको कुछ नैसर्गिक अधिकार प्राप्त हो जाते हैं जो उसके सम्मानपूर्वक जीवन जीने का आधार बनते हैं। भारत के लिए मानवाधिकार कोई नई अवधारणा नहीं है। भारतीय संस्कृति में मानव के कल्याण की हमेशा कामना की जाती है जो कि मानवाधिकार का मूल स्रोत है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसम्बर 1948 को मानवाधिकार के सार्वभौमिक घोषणा पत्र को...

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नवीनतम एनएफएचएस डेटा: कुल प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति के बीच केरल और तमिलनाडु अपवाद बनकर उभरे‍!

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी होने के बाद, मीडिया टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों ने लिखा है कि भारत के लिए कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता से नीचे चली गई है. साल 2015-16 में पूरे देश का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 थी, जो 2019-21 में घटकर 2.0 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता तब...

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