पिछले कुछ महीनों से ऐसा लगने लगा है जैसे हर हफ्ते किसी न किसी बहाने किसी न किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की मांग गूंज उठती है विपक्ष से। सो, पिछले हफ्ते बारी आई वित्तमंत्री की आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से और प्रधानमंत्री को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए पागल, खतरनाक अपराधी कहा। अंगरेजी का शब्द ‘साइकोपैथ' का अनुवाद यही होता है। राज्यसभा के...
More »SEARCH RESULT
नेहरू की विरासत का मूल्यांकन जरूरी - पुष्पेश पंत
पिछले लगभग डेढ़ साल से हमारे देश में बहस छिड़ी हुई है कि जबसे केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का गठन हुआ है, तभी से नेहरू की विरासत को नष्ट करने का षड्यंत्रकारी अभियान जारी है। मोटा-मोटा तर्क यह है कि नेहरू की विरासत का अभिन्न् अंग जनतांत्रिक संस्कार और धर्मनिरपेक्ष विचार है। इसका कोई मेल फासीवादी मानसिकता वाले सांप्रदायिक तत्वों से नहीं हो सकता। इसके अलावा...
More »'बैंक-बीमा कंपनियां ठग रहे हैं किसान को'-- योगेन्द्र यादव
किसानों के लिए फ़सल का बीमा सुनने में बहुत अच्छा विचार लगता है लेकिन असल में जब किसान बैंक से क़र्ज़ लेता है तो बिना उससे पूछे, बिना उसकी अनुमति लिए ज़बर्दस्ती उसके अकाउंट से पैसा काटकर बीमा करवा दिया जाता है. बीमा करवाना है या नहीं इसका फ़ैसला किसान नहीं ले सकता. बीमा किस कंपनी से करवाना है, किन शर्तों पर करवाना है यह भी किसान के हाथ में नहीं....
More »धर्मनिरपेक्ष नेतृत्व की चुप्पी का फल-- राजदीप सरदेसाई
सुधींद्र कुलकर्णी से बहुत पहले निखिल वागले और आपके इस मामूली स्तंभकार जैसे कई लोग शिवसेना के शिकार बन चुके हैं। 1991 में शिवसेना ने भारत-पाक क्रिकेट शृंखला के विरोध में वानखेड़े स्टेडियम का पिच खोद दिया था। मैंने इसकी कठोरतम शब्दों में आलोचना करते हुए लेख लिखा। जहां मैं काम करता था उस टाइम्स ऑफ इंडिया, मुंबई के दफ्तर के बाहर काले झंडे दिखाए गए, अपशब्द कहे गए, लेकिन...
More »मुद्रा बैंक :समग्र विकास का अंग--- अविनाश राय
हमारे देश में लाखों करोड़ों ऐसे सामान्य नागरिक हैं जो छोटे-छोटे कारोबार और उद्योग चलाते हैं परन्तु वे अक्सर औपचारिक और संगठनात्मक ऋण व्यवस्था के दायरे से बाहर ही रहते हैं, जबकि समग्र अर्थव्यवस्था में सामूहिक रूप में उनका सहयोग बहुत विशाल हो जाता है। यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। इस संदेश के माध्यम से उन्होंने उन छोटे-छोटे व्यवसाय, दुकान चलाने वालों और यहां तक कि रेहड़ी-पटरी...
More »