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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...

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बीआरजीएफ के सबूत मिटा रहे घोटालेबाज

आनंद राय, लखनऊ । बसपा सरकार में हुए घोटालों के सबूत मिटाये जा रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइल गायब होने के बाद अब पिछड़ा क्षेत्रीय अनुदान निधि (बीआरजीएफ) के भी अहम दस्तावेज ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। बीआरजीएफ घोटाले की जांच कर रही कोआपरेटिव सेल की एसआइबी इस सिलसिले में जल्द ही कड़ा कदम उठाने जा रही है। क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने के लिए...

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झूठी, एकतरफा और मनगढ़ंत!-प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट ( क्षमा के साथ)

प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट क्षमा के साथ भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) की किसी रिपोर्ट के लिए पहली बार यह विशेषण हमने इस्तेमाल किया कि प्रेस परिषद की बिहार रिपोर्ट झूठी है, एकतरफा है, मनगढ़ंत है या पूर्वग्रह से ग्रसित है. या किसी खास अज्ञात उद्देश्य से बिहार की पत्रकारिता और बिहार को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हम ऐसा निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर निकाल...

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जननि जग अंधियारा- अनुपमा

देश में प्रति एक लाख में से 254 महिलाओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है. झारखंड में यह आंकड़ा 312 है और राज्य के गोड्डा जिले में 700. अनुपमा की रिपोर्ट.    केस 1 11  जुलाई, 2012. गोड्डा जिले के बालाजोर गांव में 28 साल की एक गर्भवती महिला दमयंती तुरी को शाम करीब पौने छह बजे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. 10 दिन पहले टिटनस का इंजेक्शन लेने के बाद...

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जन्म देना भी यहां मौत से खेलना है ।।पुष्यमित्र।।

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर अबूबकर सिद्दीकी से जब झारखंड की सेहत का हाल पूछा जाता है तो वे भवनों का अभाव और मैन पावर की कमी का रोना लेकर बैठ जाते हैं. निश्चित तौर पर गांवों और प्रखंड मुख्यालयों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है जो झारखंड के ग्रामीणों को सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से दूर करते हैं और एक बड़ी आबादी ओझा और...

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