जनसत्ता 26 दिसंबर, 2013 : जैसे-जैसे सोलहवीं लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ रही है। कांग्रेस और भाजपा अपने अधिकतम भौतिक और मानवीय संसाधन झोंक कर इस चुनाव को किसी भी तरह जीत लेने के लिए कटिबद्ध दिखाई दे रही हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए उनके पास विकास के अलावा और कोई खास मुद्दा नहीं है और चूंकि इसे पहले भी कई बार आजमाया...
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मनरेगा में बड़ा बदलाव, भुगतान न करने वाले अधिकारियों के वेतन से मजदूरों को पेमेंट
नयी दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के शिडय़ूल एक, दो में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कई संशोधन किये हैं. इसमें टिकाऊ, मजबूत और सामुदायिक संपत्तियों को मजबूत करनेवाले काम जोड़े गये हैं. मनरेगा की आलोचना होती रही है कि इसमें स्थायी काम या परिसंपत्तियों के निर्माण का प्रावधान नहीं है. कैग ने कई चीजें जोड़ने की सिफारिश की थी. साथ ही राज्य सरकारों और कुछ सामाजिक...
More »आधी आबादी की राजनीतिक हिस्सेदारी- अरविन्द मोहन
चुनाव आते ही अगर सभी दलों और सचेत लोगों को महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व का मसला याद आने लगता है, तो यह महिलाओं के प्रति उनके अनुराग या देश में महिलावादी आंदोलन का जोर बढ़ने का नतीजा नहीं है. अभी तक महिलाओं का अपना आंदोलन शहरों को छोड़ कर कहीं नहीं गया है. असल में इसका कारण हाल के चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है. बीते दो-ढाई दशक में अगर...
More »तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान
जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 : तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...
More »आदिवासी विकास के दो चेहरे- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 9 नवंबर, 2013 : देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उनमें से चार राज्य ऐसे हैं जिनमें आदिवासियों की खासी आबादी निवास करती है, यह बात हम राहुल बनाम मोदी की बहस में भूल जा रहे हैं। संयोग से ये चुनाव ऐसे अवसर पर हो रहे हैं जब आदिवासियों के विकास और उनके बारे में सरकार की नई नीति को लेकर बहस उठ...
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