नई दिल्ली। बैंकों की तरफ से कर्ज की दरों में कमी आने के बावजूद उद्योग अभी भी सस्ते कर्ज से महरूम हैं। कंपनियों का मानना है कि वे कर्ज की निचली दरों का फायदा उठाने की स्थिति में अभी नहीं हैं। हालांकि कर्ज की लागत को परेशानी बताने वाली कंपनियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले इस साल घटी है। फिक्की के नवीनतम बिजनेस कॉन्फिडेंस सर्वे के नतीजों से संकेत मिलता...
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अप्रत्यक्ष कर में सुधार से लाभ-- भूपेन्द्र यादव
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुप्रतीक्षित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को संसद से पारित कराने में ऐतिहासिक सफलता पायी है. इस सफलता की बदौलत अब अप्रत्यक्ष करों के मामले में देश में 'एक राष्ट्र एक कर' की अवधारणा को मूर्त रूप दिया जाना संभव हो सका है. अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार के लिहाज से यह सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. रोजगार...
More »मीट विक्रेताओं की हड़ताल जारी, कहा- हर रोज हो रहा है 1400 करोड़ का नुकसान
गोरक्षपीठ के महंत आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अवैध बूचड़खानें बंद कराए जाने से प्रदेश में अवैध के साथ वैध मांस का कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। इस करोबार के बंद होने से करीब 1400 करोड़ रुपये का हर दिन का व्यवसाय चौपट हो गया है। इस मामले को लेकर ऑल इंडिया जामियातुल कुरैशी एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात...
More »क्या कामकाज की बाधादौड़ ही सशक्तीकरण है-- ऋतु सारस्वत
आमतौर पर हमारी यह सोच है कि विकसित देशों में महिलाओं को उनके कार्यस्थलों पर समानता का दर्जा प्राप्त है, पर यह मिथक भर है। विकसित देश हों या विकासशील, महिलाओं को लेकर कमोबेश सभी की सोच एक जैसी है। हाल ही में पोलैंड के एक सांसद ने वॉरसा यूरोपीय संसद में कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वे कमजोर होती हैं।' ब्रिटेन के बराबरी...
More »आस्तियां कैसे बनीं अस्थियां!-- अनिल रघुराज
हम ऋण लेते हैं, तो वह हमारे लिए बोझ या देनदारी होता है. मशहूर कहावत भी है कि अगर हमें बैंक को 100 रुपये लौटाने हैं, तो यह हमारी समस्या है, लेकिन हमें अगर 100 करोड़ लौटाने हैं, तो यह बैंक की समस्या है. दरअसल, बैंक जब ऋण देता है, तब वह उसके लिए आस्ति होती है, क्योंकि मूलधन समेत उस पर मिला ब्याज ही उसकी कमाई का मुख्य जरिया...
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