-आइ़डियाज फॉर इंडिया, भारत में सामाजिक पहचान पर आधारित भेदभाव व्यापक रूप में फैला होने की वजह से, भेदभाव में जाति-लिंग अंतर्विरोध के अध्ययन हेतु एक अनूठी सेटिंग उपलब्ध होती है। यह लेख, उत्तर प्रदेश में किये गए एक क्षेत्रीय प्रयोग के आधार पर दर्शाता है कि मरीज द्वारा महिला डॉक्टरों की तुलना में पुरुष डॉक्टरों को पसंद किये जाने के कारण जाति-संबंधी पूर्वाग्रह इस लिंग संबंधी भेदभाव को और बढ़ा...
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सुपर फूड बनते मोटे अनाजों को थाली और खेत में वापस लाने की जरूरत
-गांव कनेक्शन, भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट (मोटे अनाज) उत्पादक देश है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखण्ड, तमिलनाडु, और तेलगांना आदि प्रमुख मोटे अनाज उत्पादक राज्य हैं। जबकि आसाम और बिहार में सबसे ज्यादा मोटे अनाजों की खपत होती है। देश में पैदा की जाने वाली मुख्य मिलेट फसलों में ज्वार, बाजरा और रागी का स्थान आता है। छोटी मिलेट फसलों में...
More »कोविड-19 की तीसरी लहरः कैसी है झारखंड की तैयारी, क्या है गांवों का हाल
-डाउन टू अर्थ, जर्मनी में रहनेवाली एक महिला के परिजन देवघर में रहते हैं। उनके पिता बीते 6 जनवरी को कोविड पॉजिटिव पाए गए उन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी भी थी। स्थानीय डॉक्टर ने कहा कि आप रांची में किसी आइसोलेशऩ सेंटर में चले जाइए, ताकि जरूरत होने पर बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन उन्हें इस सुविधा की जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि रांची के डोरंडा में आइसोलेशन सेंटर सेंटर है। इसके...
More »गोवा से महाराष्ट्र तक, ‘नॉन-ट्रांसमिसेबल’ बीमारियों के बोझ के बारे में क्या कहती हैं कोविड मौतें
-द प्रिंट, भारत में कोविड-19 का पहला केस जनवरी 2020 में केरल से सामने आया था. दो साल बाद अनुमान के मुताबिक़ महामारी में राज्य के हर 1 हजार लोगों में से एक की मौत हुई. और ये सिर्फ केरल की बात नहीं है. क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म कोविड19भारत (जो राज्यवार स्वास्थ्य बुलेटिन्स से आंकड़े इकट्ठा करता है) के मुताबिक, कम से कम ऐसे चार राज्य और केंद्र-शासित क्षेत्र और हैं- गोवा, महाराष्ट्र,...
More »बिहार: गरीबी पर गंदी राजनीति
-आउटलुक, “डबल इंजन सरकार में शिक्षा और काम की तलाश में दूसरे राज्य जाने वालों की रफ्तार और बढ़ी” देश सिर्फ नई दिल्ली में नहीं बन सकता। विकास के पैमानों पर बिहार का लगातार निचले पायदान पर होना सामूहिक राष्ट्रीय बेचैनी का विषय होना चाहिए। दुर्भाग्यवश सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट का केंद्र सरकार के नीतिगत दृष्टिकोण और बिहार सरकार पर कोई असर नहीं दिखता है। इस रिपोर्ट में सभी...
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