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सुधारों में किसान कहां

-आउटलुक, “लॉकडाउन में एपीएमसी सुधारों के जरिए कॉरपोरेट को लाभ दिलाने जैसे एकतरफा फैसले किसानों के हक में कितने” इस समय देश की इकोनॉमी संकट में फंसी है। लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद रहा तब भी किसान पूरे जोर-शोर से अपने खेतों में काम में लगा हुआ था। इस दौरान किसानों को बाजार में बंदी और फसलों की सही खरीद नहीं होने से हजारों करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सरकार को...

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घर पहुंच कर भी कम नहीं हो रही बिहारी मज़दूरों की दुश्वारियां

-न्यूजक्लिक, इस सोमवार को बिहार के जहानाबाद जिले के सरता मध्य विद्यालय में क्वारंटीन में रह रहे मज़दूरों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गयी और इस झड़प में ग्रामीणों ने इन मज़दूरों पर रोड़े (पत्थर) चला दिये। इसमें एक प्रवासी मज़दूर अंबिका यादव का सिर फूट गया। बाद में पता करने पर इस झगड़े की वजह यह मालूम हो गयी कि स्कूल में बने उप क्वारंटीन सेंटर पर शौचालय...

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लॉकडाउन: बंगाल के बंद जूट मिलों के मज़दूरों ने कहा, हालत ख़राब है, राशन-पानी ख़त्म हो रहा है

-द वायर, ‘लॉकडाउन के कारण जूट मिल (चटकल) बंद होने से बहुत-बहुत मुश्किल में हैं… क्या बताएं आपको… अगले 10-15 दिन में हम लोग भुखमरी के कगार पर जाने वाले हैं.’ 45 साल के कृष्णा दास जब फोन पर ये बातें कहते हैं, तो वह बार-बार ‘बहुत’ शब्द पर जोर देकर लॉकडाउन के दौरान सामने आईं कठिनाइयों की भयावहता को महसूस कराना चाहते हैं. कृष्णा दास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना...

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कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा

-डाउन टू अर्थ, एक महीना पहले तक धनीराम साहू को नहीं पता था कि वायरस या सोशल डिस्टेंसिंग किस बला का नाम है। साहू छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के शंकरदह में रहते हैं। वह कहते हैं, “अब हर कोई कोरोनावायरस और इससे खुद को महफूज रखने की बात करता दिख रहा है।” दुनियाभर के तमाम विज्ञानियों और एपिडेमियोलॉजिस्ट की तरह साहू को भी इस वायरस के बारे में बहुत जानकारी नहीं...

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मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज से मर रहे ग़रीब मज़दूरों का कितना भला होगा?

-बीबीसी, आप चाहें तो गिलास को आधा भरा देख सकते हैं और चाहें तो आधा ख़ाली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार रात का राष्ट्र के नाम संदेश भी ऐसा ही है. आप चाहें तो ये देख सकते हैं कि उन्होंने बीस लाख करोड़ रुपए का पैकेज लाने का एलान कर दिया. हताश, निराश और एक अभूतपूर्व संकट से जूझते देश को एक नया नारा दिया कि इस संकट को कैसे मौक़े में...

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