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नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस: झूठ का भ्रमजाल

संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विविध प्रतिक्रयाएं सामने आईं हैं, जिनमें से कई नकारात्मक हैं. एक ओर जहाँ उत्तरपूर्व में इस नए कानून का भारी विरोध हो रहा है, जिसमें कई लोगों की जानें जा चुकीं है, वहीं इससे संविधान में आस्था रखने वालों और मुसलमानों में गंभीर चिंता व्याप्त हो गयी है. यह कानून पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के ऐसे हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन...

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वित्त वर्ष ख़त्म होने में सिर्फ़ तीन महीने बाकी, अल्पसंख्यक मंत्रालय का 70 फीसदी बजट ख़र्च नहीं हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत केंद्र के कई मंत्रियों एवं भाजपा नेताओं ने समय-समय पर ये दावा किया है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काफी काम कर रही है. ये स्थिति तब है जब पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के मुकाबले एनडीए ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को ज्यादा बजट का आवंटन किया है. हालांकि विकास करने के सरकार के ये दावे...

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“आम आदमी को नहीं मालूम कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है”, दार्शनिक राठौड़

आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....

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पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में भारत का दावा कितना सही?

क्या पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में ग़ैर-मुसलमान आबादी यानी अल्पसंख्यकों के बारे में भारत सरकार का दावा सही है? भारत की संसद ने अपने तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है. इसके तहत भारत में अवैध रूप से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर यह साबित कर सकते...

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पूर्वोत्तर की भीतरी और बाहरी विडंबनाएं- रामचंद्र गुहा

विडंबना और शायद त्रासदी यह है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से संघर्ष और हिंसा से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं। इसमें कश्मीर घाटी, मध्य भारत (विशेषकर बस्तर) के जंगल, और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। मानवशास्त्री वेरियर एल्विन की धारा का अनुकरण करते हुए 1990 के दशक में मैंने पूर्वोत्तर का दौरा किया था। एल्विन इंग्लैंड में जन्मे और पढ़े-लिखे थे, युवा वय में भारत आए, तो फिर नहीं...

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