देहरादून। प्रदेश के एपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र से गेहूं व चावल का पर्याप्त कोटा नहीं मिलने से पिछले दो वर्ष से उत्तराखंड खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले में लगातार केंद्र से पत्राचार किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली निरंतर कमजोर हो रही है। सरकारी सस्ते गल्ले...
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सरकारी खरीद से देश में बढ़ सकते हैं गेहूं के दाम
नई दिल्ली : सरकार अगर गेहूं की आगामी फसल की बड़े पैमाने पर खरीद करती है तो इससे इसके दाम बढ़ सकते हैं। देश में गेहूं की सबसे अधिक खरीद करने वाला भारतीय ...
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नई दिल्ली : सरकार अगर गेहूं की आगामी फसल की बड़े पैमाने पर खरीद करती है तो इससे इसके दाम बढ़ सकते हैं। देश में गेहूं की सबसे अधिक खरीद करने वाला भारतीय ...
More »महंगाई के जख्म पर सस्ते राशन का मरहम
निधिनाथ श्रीनिवास नई दिल्ली : सरकारी राशन दुकानों के सामने लगने वाली कतारें लंबी होने लगी हैं। निजी दुकानों पर खाद्य उत्पादों के दाम आम आदमी की ...
More »बायोमीट्रिक्स प्रणाली से बनेंगे राशन कार्ड
फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाकर सरकारी राशन हड़पने वालों से निपटने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने नायाब तरीका निकाला है। विभाग अब लोगों के राशन कार्ड बनाने के लिए बायोमीट्रिक्स पद्धति का सहारा लेगा। इसके लिए दिल्ली के सभी 70 सर्कल कार्यालयों में बायोमीट्रिक्स मशीनें लगाई जाएंगी। इस प्रणाली के सहारे ही अब एपीएल, बीपीएल, एवाईवाई जैसी श्रेणियों के राशन कार्ड बनाये जाएंगे। अब तक बायोमीट्रिक्स मशीनों का इस्तेमाल...
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