इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...
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सिंगूर: कोर्ट में हारीं ममता, तृणमूल सरकार की फजीहत
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सालों से शासन करने वाली वाम सरकार की नींव उखाड़ने वाले सिंगूर मसले पर आज मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हाईकोर्ट में फजीहत हो गयी। हाईकोर्ट ने उनकी सरकार के इस मामले में पारित अधिनियम को संविधान के खिलाफ करार दिया है। सिंगूर मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'सिंगूर फैसले...
More »मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन से प्रभात खबर के पुष्यमित्र की बातचीत
इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...
More »न माननीयों की भाषा किसान समझे और न किसानों की भाषा माननीय
बठिंडा. मालवा में खाद और रसायनों के प्रभाव का आकलन करने के लिए दिल्ली से बठिंडा पहुंची सांसदों की कृषि समिति ने कैंसर के कारण तो जाने पर किसानों का दर्द नहीं जान पाई। सांसदों व किसानों के बीच भाषा सबसे बड़ी बाधा रही। सांसद ओडिशा, बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु व उत्तरप्रदेश से थे। उन्हें पंजाबी समझ ही नहीं आई। ऐसे में किसान पंजाबी में अपनी पीड़ा बयान करते रहे...
More »गुजराती स्कूलों में पढ़ाए जा रहे हैं अश्लील जोक्स
अहमदाबाद. गुजरात में स्कूलों में बच्चों को अश्लील जोक्स पढ़ाए जा रहे हैं। यह चौंकाने वाला सच गुजरात के सरकारी प्राइमरी स्कूलों का है, जहां पिछले दो महीनों से बच्चे अश्लील जोक्स पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ रहे अभिभावकों को इस बात की चिंता है कि इससे उनके बच्चों की मानसिकता पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के तहत पांचवीं तक के बच्चों को बाल साहित्य के नाम...
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