रांची। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सरकार ने 2010-11 में बीपीएल परिवारों की 10 हजार बेटियों की शादी कराने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह मात्र एक हजार लड़कियों के हाथ ही पीले करा सकी। नौ हजार सिर्फ इंतजार करती रह गईं। इससे अभिभावकों को उनके विवाह के लिए जमीन बेचनी पड़ी या कर्ज लेना पड़ा। कई तो पैसे के अभाव में अब तक कुंवारी हैं। इस मद में 10 करोड़...
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टूटती सांसों के बीच करती है जूतों की मरम्मत
बांदा, गणतंत्र दिवस के 62वें सालगिरह पर देश भर में जहां जश्न और खुशियों का माहौल है, वहीं देश के कई हिस्सों में अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर मुश्किल से कहीं उनका पेट भरता है। एक ऐसी ही बुजुर्ग महिला चंद्रकली (85) है जो पिछले 40 साल से मोची का काम कर अपना गुजर बसर कर...
More »किसानों को मुआवजे में सिर्फ आश्वासन
भोपाल. प्रदेश में कर्ज से हारे 14 किसान जिंदगी गंवा चुके हैं,वहीं सरकार उनके मुआवजे के नाम पर वाहवाही लूटने में लगी है। नेता आश्वासन देकर भूल गए हैं। मौत का हाथ थामने वाले किसानों के परिवार लाचार और बेबस हैं। महीनाभर गुजर गया,लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। भास्कर ने जानी कुछ ऐसे ही परिवारों की हकीकत.. भाई की तेरहवीं के लिए भी उधार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने वाले नंदकिशोर यादव की...
More »सरकार का दावा: एक दो मौतों में ही कर्ज है कारण
भोपाल. राज्य सरकार ने फिर कहा है कि किसान कर्ज के कारण आत्महत्या नहीं कर रहे हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि ऐसे मामले एक दो ही हैं, जिनमें आत्महत्या की वजह कर्ज है। अन्य मौतों के कारण अलग-अलग हैं। मिश्रा ने केंद्र सरकार पर पाला प्रभावित किसानों को मदद नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मामले में प्रदेशस्तर पर सर्वदलीय बैठक बुलाने से भी इंकार किया।...
More »सदमे में किसान: फिर गईं तीन जान,
बेगमगंज/विदिशा. कर्ज के बोझ में दबे किसान लगातार मर रहे हैं और सरकार सिर्फ जांच का हवाला देती जा रही है। शनिवार को तीन किसानों की फिर जान चली गई। प्रदेश में दो दिन में छह किसानों की मौत हो चुकी है, वहीं एक महिला ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था। रायसेन जिले में दो किसान फसल बर्बाद होने का सदमा नहीं झेल सके। बताया जाता है उनपर बैंक और...
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