साल 2014 में डेयरी सेक्टर में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले साल की शुरुआत 2013 की तरह डेयरी उत्पादों के आयात में तेजी के साथ हुई। यह तेजी केन्द्र सरकार की डेयरी उत्पादों के आयात-निर्यात नीति में कोई परिवर्तन न करने से देखने को मिली। इसके चलते देश में दूध की कीमतें दोनों उत्पादक और कंज्यूमर के लिए बढ़ीं। लेकिन, अच्छे आयात की यह खुशी सेक्टर में ज्यादा...
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उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
More »राजस्व के लिए नया स्रोत तलाशें
बजट में वित्त मंत्री के सामने प्रमुख चुनौती राजस्व जुटाने की है. पाकिस्तान के साथ गतिरोध को देखते हुए हमें रक्षा खर्च बढ़ाने होंगे. स्मार्ट सिटी जैसी योजनाओं के लिए भी राजस्व चाहिए. हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती टूटी नहीं है. टैक्स वसूली शिथिल है. अत: राजस्व के दूसरे स्नेत खोजना होगा. पिछले कुछ वर्षो को छोड़ दें तो विश्व में तेल का उत्पादन मुख्यत: क्रूड ऑयल...
More »‘मेक इन इंडिया’ से ज्यादा जरूरी है मेक फॉर इंडिया
उद्योग जगत और बाजार को बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं. आर्थिक सुधारों को तेज करने, देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाने और निवेश में वृद्धि के सरकार के वादों और इरादों की प्रस्तुति बजट में हो सकती है. सरकार के सामने अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने, रोजगार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की चुनौतियां हैं. सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों और संभावित तथा वांछित पहलों पर जानकारों की...
More »तिल का ताड़ बना रहे अमर्त्य सेन- पुष्पेश पंत
नो बेल पुरस्कार विजेता भारत रत्न अमर्त्य सेन विश्वविख्यात हस्ती हैं. जब से उन्होंने इस खुलासे के साथ नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से इस्तीफा दिया है कि मौजूदा सरकार उन्हें इस पद पर नहीं देखना चाहती, तब से एक नयी बहस गरमाने लगी है. सेन ने यह तोहमत भी लगाई है कि देश में शिक्षा का स्तर गिर रहा है और मोदी सरकार शैक्षिक संस्थाओं की स्वायत्तता नष्ट...
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