रायपुर। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय प्रदेश में 157 जनऔषधि दवा स्टोर संचालित कर रहा है। दवाएं मंत्रालय अधीनस्थ प्लांट में बनाई जाती हैं, इसलिए ये बाजार में मौजूद ब्रांडेड दवाओं से 13 गुना तक सस्ती हैं। इसके बावजूद सरकारी डॉक्टर जेनेरिक दवा लिखने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जानबूझकर ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं। मजबूरन जरूरतमंद मरीजों निजी दवा स्टोर से खरीदनी पड़ ही है। यही वजह है कि...
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उर्वरक कंपनियां बढ़ाएंगी पोटाश के दाम
मुंबई। सरकार ने बीते हफ्ते चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पोटाश सब्सिडी में 20 फीसद कटौती की थी। इसे देखते हुए घरेलू उर्वरक कंपनियां जल्द पोटाश के दामों को बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसकी ऊंची कीमतों से मांग के प्रभावित होने की आशंका है। इसने बड़े ग्लोबल आपूर्तिकर्ताओं के लिए चिंता बढ़ा दी है। भारत दुनिया में पोटाश के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। सब्सिडी में कटौती...
More »फसलों के लिए फ्लाइ ऐश बेहतर खाद
धनबाद : पावर प्लांटों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा फ्लाइ ऐश फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में वरदान साबित हो सकता है. धनबाद स्थित सिंफर के दो वैज्ञानिकों की खोज में यह दावा किया गया है. पढ़िए यह रिपोर्ट. केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर), धनबाद के वैज्ञानिकों की नयी खोज पावर प्लांटों एवं किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है. अभी कचरा के रूप...
More »निजी निवेश में सुधार से बनेगी बात - राजीव चंद्रशेखर
बजट 2017 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और इसे लेकर उत्सुकता का भाव इतना अधिक है, जितना शायद मोदी सरकार के 2014 में आए पहले बजट के समय भी न रहा हो। यह बजट नोटबंदी के बाद और मोदी सरकार के सत्ता में आने के तकरीबन तीन साल पूरे होने के अवसर पर पेश होने जा रहा है। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बेहद विषम परिस्थितियों में...
More »एग्री टेक : आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से डिजिटल क्रांति की ओर खेती
विकसित देशों के मुकाबले भारत में कृषि क्षेत्र में बेहद कम तकनीकों का इस्तेमाल होता है. हालांकि, निवेश और नीतिगत इच्छाशक्ति की कमी भी इसके कारक हैं, लेकिन खेती के पिछड़ जाने का बड़ा कारण तकनीकों का अभाव माना जा रहा है. धीरे-धीरे ही सही, पर अनेक प्रयासों से इसमें बदलाव आ रहा है और भारतीय खेती डिजिटाइजेशन की राह पर बढ़ती दिख रही है. आज के आलेख में पढ़िये...
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