-गांव कनेक्शन, ललितपुर जिले के मादौंन गांव की रैना सहारिया (40 वर्ष) उन हजारों प्रवासियों में से एक हैं, जो किसी तरह जद्दोजहद कर घर वापस तो आ गईं लेकिन खुश नहीं हैं। वो पहली बार कमाने के लिए अपने दो लड़कों के साथ घर से बाहर निकली थीं और लॉकडाउन की मुसीबत आ गई। रैना को चिंता कोरोना की नहीं, अपना घर चलाने की हैं, क्योंकि जहां उनका घर है...
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निजी अस्पताल में सरकारी पैसे से इलाज की छूट लेकिन निजी परिवहन से यात्रा करने पर सरकारी लाभ से वंचित
-जनचौक, पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है। सरकार की असंवेदनशील, अल्प-कालिक और संकीर्ण सोच के कारण करोड़ों लोगों के...
More »राशन की व्यवस्था सुधरी, लेकिन मनरेगा रोज़गार अभी भी हर गाँव तक नहीं पहुंचा - भोजन का अधिकार अभियान सर्वेक्षण
-भोजन का अधिकार अभियान, झारखण्ड, मई 2020 के दुसरे और तीसरे सप्ताह के दौरान भोजन के अधिकार अभियान, झारखंड के सदस्यों ने राज्य के मूल जन सुविधाओं (जैसे राशन दुकान, मनरेगा, दाल-भात केंद्र, सामुदायिक रसोई, बैंक आदि) की स्थिति का दूसरा सर्वेक्षण किया; 22 ज़िलों के 46 प्रखंड से प्रेक्षकों ने फ़ोन के माध्यम से अपने क्षेत्र की जानकारी दी. पिछले माह अप्रैल के पहले सप्ताह में 19 जिलों के 50 प्रखंडों में जन सुविधाओं का पहला सर्वेक्षण किया गया था.सर्वेक्षण में पाए गए तथ्यों का...
More »मजदूरों की घर वापसी से बिहार में शुरू हो सकता है ज़मीन का ख़ूनी संघर्ष
-न्यूजलॉन्ड्री, जून 2019 की एक दोपहर बिहार के बांका जिले के चांदपुर गांव की रहने वाली 25 वर्षीय पूनम दिल्ली के प्रेस क्लब में अपनी दो साल की बेटी को लेकर खड़ी थीं. बेटी के शरीर पर कई दाग निकले हुए थे. उस दिन बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने वाले एक स्वयंसेवी संगठन की प्रेस कांफ्रेंस थी. पूनम खुद एक बंधुआ मजदूर थी, लेकिन मजदूरों को वहां से निकालने में उनकी बड़ी...
More »मोदी जी, सुधार तो बाद की बात है, किसानों को कैश की जरूरत है
-द क्विंट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने पांच किस्तों में हमें उन ‘वित्तीय प्रोत्साहन’ और सुधारों का ब्यौरा दिया जिसकी घोषणा 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने की थी. तीसरी किश्त में निर्मला ने कृषि क्षेत्र की बात की और ऐतिहासिक सुधारों का ऐलान किया जैसे कि: 1) आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव कर कृषि सामग्री में छूट देना; 2) कृषि उत्पादन विपणन समित अधिनियम यानी APMC...
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