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विकास की आड़ में- अजेय कुमार

जनसत्ता 30 सितंबर, 2013 : यह महज संयोग है कि जिस दिन यानी तेरह सितंबर को सोलह दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के चारों दोषियों को अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा रही थी, भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर रही थी। मोदी के राज में ही गुजरात का जनसंहार और हजारों महिलाओं और बालिकाओं की इज्जत से...

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बिहार में भूख से बुजुर्ग की मौत!

पटना : बिहार के सहरसा जिले में एक बुजुर्ग की भूख से मौत हो गयी है. इस व्यक्ति को पिछले तीन महीनों से खाना नहीं मिला था. बैजनाथपुर के रहने वाले नाथो एक स्‍वर्णकार का काम करते थे. इस व्यक्ति की मौत ने बिहार में नीतीश के सुशासन की पोल खोल दी है. नीतीश सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि आखिर कैसे उनके राज्य में एक व्यक्ति पिछले तीन महीनों...

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चल नहीं रेंग रहा साक्षरता कार्यक्रम

हर साल आठ सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सरकारी कार्यक्रम का आयोजन होता है. स्कूलों में प्रभात फेरी निकाली जाती है. बच्चों से नारे लगवाये जाते हैं- आधी रोटी खायेंगे फिर भी स्कूल जायेंगे. पत्ता-पत्ता अक्षर होगा हर कोई साक्षर होगा आदि-आदि. इसके बाद प्रखंड, जिला एवं राज्यस्तर पर सम्मेलन होता है. इसमें अफसर एवं नेता आते हैं. भाषण देते हैं. निरक्षरता को मानव समाज के लिए कलंक बताते...

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खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर नहीं : सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि उसके खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से अर्थव्यवस्था पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम अगले एक साल के दौरान लागू किया जाना है। लोकसभा में दो दिन पहले ही खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित किया गया है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के इस महत्वकांक्षी विधेयक में देश की 82 करोड़ जनता को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस...

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खाद्य सुरक्षा से दूर होगी कुपोषण की समस्या

डॉ राजवीर शर्मा आइएआरआइ पूसा इंस्टीटयूट में बतौर प्रिंसिपल साइंटिस्ट(एग्रोनॉमी-ब्रीड कंट्रोल) कार्यरत हैं. पेश है खाद्य सुरक्षा और किसानों की समस्या पर पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह से विशेष बातचीत : सरकार का दावा है कि खाद्य सुरक्षा कानून गरीबों के लिए है, इस लिहाज से मात्र 67 फीसदी लोगों को इसके दायरे में रखा गया है? इसका क्या मतलब हुआ क्या यह माना जाये कि देश में 67 फीसदी गरीब...

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