भारत में किसानों की दशा दशकों तक नजरअंदाज किये जाने के कारण अब बुरी तरह बिगड़ चुकी है. सरकार ने खेतिहरों की आय दोगुना करने तथा उपज का उचित दाम दिलाने का वादा किया है, जिसे पूरा करने की दिशा में इस साल कुछ ठोस कोशिश की उम्मीद है. खेती को फायदेमंद पेशा बनाने, फसलों के सही मूल्य दिलाने, कर्ज से राहत आदि की प्राथमिकताएं इस साल हैं. इस संबंध...
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नये साल की यही शुभकामना !-- योगेन्द्र यादव
अगर चंपारण और रूस की क्रांति के लिए प्रसिद्ध 1917 देश और दुनिया में संभावनाएं खुलने का वर्ष था, तो 2017 देश और दुनिया के सिकुड़ने का साल माना जायेगा. यह साल संभावनाओं के सिकुड़ने का साल था और संवेदनाओं के सिमटने का साल था. बीते साल में भाजपा का विस्तार और लोकतंत्र का पराभव जारी रहा. भाजपा चुनाव भी जीती और राजनीति के खेल भी. उत्तर प्रदेश में...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
More »मक्के की खेती और पर्यावरण-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
बिहार के गांवों में मक्के की फसल लहलहा रही है. मेरा एक मित्र विदेश में रहता है, वह इस हरियाली को देखकर अभिभूत हो गया. यह सच है कि आप यदि इस समय बिहार के गांवों में जायें, तो मक्के की खेती देखकर अापका मन भी प्रसन्न हो जायेगा. खासकर बिहार के सबसे गरीब जिले, जैसे- कटिहार, पूर्णिया, किसनगंज, अररिया, आदि में भी हाल के दिनों में मक्का रखने के...
More »बीटी कॉटन के चक्रव्यूह से बाहर आना होगा-- देविन्दर शर्मा
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का महाराष्ट्र के अकोला में कपास, सोयाबीन, धान परिषद के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का निर्णय और फिर उन्हें हिरासत में लेने व रिहाई के नाटक ने लोगों का ध्यान एक छोटे से कीट- पिंक बॉलवर्म द्वारा किए नुकसान की अोर खींचा है। इस छोटे से कीड़े ने देश के सबसे बड़े कपास उत्पादक महाराष्ट्र में 50 फीसदी खड़ी...
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