गृह मंत्री पी चिदंबरम एक बार फिर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने कहा है कि ‘भारत के मध्यम वर्ग के लोग महंगी आइस क्रीम खाते हैं, 15 रुपए की मिनरल वॉटर की बोतल खरीदते हैं, पर गेहूं-चावल के दामों में एक रुपए की वृद्धि बर्दाश्त नहीं करते.' चिदंबरम मंगलवार को बंगलौर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे जब उन्होंने ये बयान दिया. उनके इस बयान...
More »SEARCH RESULT
गेहूं खरीद में किसान हो रहे हैं प्रताड़ित: अजय सिंह
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने राज्य सरकार पर गेहूं खरीद में किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिचौलियों की बदौलत उन्हें अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेचने को मजूबर होना पड़ रहा है। सिंह ने आज यहां एक बयान में कहा कि कृषि उपज मण्डियों के आसपास बिचौलियों का व्यापार खुले आम चल रहा है। इसलिए किसानों को अपनी...
More »खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
More »किसान आत्महत्या मामले : अध्ययन के लिए संसदीय समिति बनाने का प्रस्ताव
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (एजेंसी) किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या के मामलों का गहराई से अध्यनन करने और ऐसी घटनाओं को रोेकने के मकसद से सरकार ने आज एक संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव किया जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों की मौजूदगी हो। विपक्ष ने सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया। कृषि मामलों पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री शरद पवार ने...
More »महंगाई की आग- परंजय गुहाठाकुरता
महंगाई की समस्या आज विकराल होती जा रही है, तो इसके लिए सरकार और उसकी नीतियां ही जिम्मेदार हैं। हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया मानती है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक कह चुके हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने में मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां मददगार साबित हो सकती हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि वही मनमोहन सिंह अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी के भंवर से बाहर निकालने में...
More »