SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 99

100 करोड़ खर्च कर लगेंगे 5000 नलकूप

भुवनेश्वर। राज्य में भूतल जल को सदुपयोग करने के लिए 10 हजार हेक्टर जमीन में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा।...

More »

झांसी में यूरेनियम भंडार मिलने की उम्मीद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा किए गए खनन के दौरान यूरेनियम के भंडार मिलने के उम्मीद जगी है। भूतत्व एवं खनिक मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने बताया कि झांसी जिले के खजराहा बुजुर्ग गांव की कार्बोनेटाइट चट्टानों में पहली बार रेयर अर्थ एलीमेंट्स [आरईई] पाया गया है। उन्होंने बताया कि आरईई में महत्वपूर्ण 17 तत्वों का समूह होता है, जिसमें यूरेनियम की मात्रा 27 ग्राम...

More »

बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ

कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...

More »

अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला

नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...

More »

पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close