SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1752

खुले में शौच: तादाद में चालीस करोड़ की कमी लेकिन पड़ोसियों से पीछे

बीते पच्चीस सालों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या कम करने की रफ्तार के लिहाज से भारत पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से पीछे है. यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2015 के बीच खुले में शौच करने वालों की संख्या में 31 फीसदी की कमी हुई है जबकि पड़ोसी नेपाल में (56 प्रतिशत), पाकिस्तान(36 प्रतिशत), बांग्लादेश(33 प्रतिशत) में यह रफ्तार...

More »

ग्रीस मॉडल पर भारी हमारा एक छोटा-सा राज्य - सईद नकवी

हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में पहले पन्ने पर छपी एक तस्वीर ने मेरा ध्यान खींचा। उसमें अगरतला में एक इंटरनेट गेटवे के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को त्रिपुरा के कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री माणिक सरकार के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाते दिखाया गया था। इस तस्वीर के साथ अखबार हमें सूचित कर रहा था कि अपराध-नियंत्रण के मामले में त्रिपुरा का रिकॉर्ड लाजवाब रहा...

More »

भूकंप आया तो डूब जाएगा आधा कोलकाता : आईआईटी

कोलकाता। आईआईटी खड़गपुर ने अपने चार साल के अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि कोलकाता एक बड़े खतरे के मुहाने पर खड़ा है। सरकार को जल्द सौंपी जाने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोलकाता में 6.5 या इससे अधिक की तीव्रता का भूकंप आता है, तो इस महानगर का आधा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। आईआईटी के विशेषज्ञों ने जुलाई 2011 में यह अध्ययन शुरू किया था। इसके...

More »

...कुछ ज्यादा ही पीछे छोड़ दिया जंगल को हमने-- मुकेश केजरीवाल

मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। जंगलों को काट कर शुरू किए "तरक्की" के सफर में हम इतना आगे बढ़ गए हैं कि अब इनकी कामचलाऊ मौजूदगी कायम करने में भी सांसें फूल रही हैं। अपने ही लक्ष्य के मुताबिक हमें अब तक देशभर में कम से कम 33 फीसद क्षेत्र को हरियाली से भर देना था, लेकिन हम सिर्फ 24 फीसद वन क्षेत्र के साथ इस मुकाम से बेहद दूर खड़े...

More »

दुनिया में भूख से रोज मरते हैं 20 हजार बच्चे

आज पूरा विश्व भूख, पानी और रोजगार जैसी विशेष जरूरतों के लिए परेशान है। जहां कुछ देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके हैं तो कुछ भूखमरी और पानी के लिए तरस रहे हैं। फिर भी विश्व में 1.3 बिलियन टन भोजन की किसी न किसी कारण बर्बादी होती है। यह मात्रा मानव उपयोग के लिए तैयार किए गए कुल भोजन की लगभग एक तिहाई है। बता दें कि...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close