जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के लोग...
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एमपी के 21 में से सिर्फ 2 सेज चालू हो पाए- शमशेर सिंह
विशेष आर्थिक क्षेत्र यानि सेज के प्रति डेवलपर कंपनियों और निर्यातकों की दिलचस्पी घटने के बाद पिछले मार्च में केंद्र सरकार ने इनके आकार में छूट देने की पहल की। इसके अलावा जमीन के उपयोग में ज्यादा आजादी और ऐसे प्रोजेक्ट से बाहर निकलने के लिए आसान प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन सरकार ने कोई टैक्स छूट देने से साफ इंकार...
More »सूखते खेत-खलिहान अभी दूर है विज्ञान- अनिल जोशी
हमारे देश का एक बड़ा हिस्सा आजादी के बाद से आज तक विज्ञान के लाभ से महरूम रहा है। देश की प्रयोगशालाओं में जो भी हुआ, वह राजमार्ग से उतरकर गांव की पगडंडी पर गया ही नहीं। देश की तीन बड़ी वैज्ञानिक संस्थाओं का यह सीधा दायित्व था कि वे गांवों की विभिन्न आवश्यकताओं पर काम करें। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, विज्ञान और तकनीकी विभाग, ग्रामीण विकास संस्थान ने अपने...
More »असमानता तोड़ देगी देश को- डा. भरत झुनझुनवाला
बढ़ती असमानता समाज के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ आर्थिक विकास के लिए भी हानिप्रद है. आम नागरिक जब अमीर को कोसता है, तो उसकी आंतरिक ऊर्जा नकारात्मक हो जाती है. वह हिंसक प्रवृत्ति का हो जाता है. चुनाव के इस माहौल में सभी पार्टियां गरीबों को लुभाने में लगी हुई हैं. कांग्रेस का कहना है कि उसने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा लागू करके गरीबों को राहत पहुंचायी है. भाजपा...
More »नीति व सुविधा के बिना गहरा रहा एड्स का खतरा- राहुल सिंह
रांची के इटकी प्रखंड इलाके के एक गांव की 60 वर्षीया महिला टीबी से ग्रस्त हैं. दुर्भाग्य से इस महिला को एचआइवी एड्स भी है. पिछले दिनों तबीयत काफी बिगड़ने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया गया. हालांकि वे फिलहाल ठीक हैं और टीबी और एचआइवी का उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मी उनके नियमित संपर्क में रहते हैं और अपने क्षेत्र भ्रमण...
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