SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2042

आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए 3 घोषणाएं : फसल बीमा, LPG और स्वास्थ्य बीमा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2016-17 की घोषणा करते हुए सबसे पहले देश की अर्थव्यवस्था का जिक्र किया उसके फौरन बाद उन्होंने कमजोर वर्गों के लिए तीन स्कीम का जिक्र किया। इसमें से एक योजना पीएम फसल बीमा योजना का शुभारंभा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 5500 करोड़ इसके लिए बजट में दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य योजनाएं बीपीएल परिवारों को रसोई गैस और...

More »

2022 तक किसानों की आमदनी हो दोगुनी: मोदी

बरेली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बरेली में किसान कल्याण रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होनी चाहिए। पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से भी किसानों व कृषि को प्राथमिकता में लेने का अनुरोध किया। पीएम ने बरेली से सीधा जुडऩे की कोशिश करने के बाद किसानों की बात शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश का किसान जन का...

More »

मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार

बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...

More »

बजट 2016-17: खेती को पानी मिले, किसानों को वाजिब दाम

हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "कि‍सान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण)   एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...

More »

ग्रामीण मांग बढ़ाने की जरूरत- बी के चतुर्वेदी

पिछले वर्ष जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने पहले पूर्ण बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब अनेक लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि वह कोई ऐसा नीतिगत दस्तावेज पेश करेंगे, जिससे मोदी सरकार के वायदों को पूरा करने की ठोस जमीन तैयार हो। इस बार जब वह बजट पेश करेंगे, तो अपेक्षाएं अचानक बहुत बदल गई हैं। राष्ट्र अब कुछ प्रमुख मुद्दों पर विश्वसनीय समाधान की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close