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गांधी, गांव और इश्तहार- चंदन श्रीवास्तव

बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...

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काली कमाई की पेचीदगियां - संजय कपूर

आखिर देश का काला धन कहां पर है? विदेशों में जमा काले धन को देश में लाने में यूपीए सरकार की नाकामी पर आंदोलन करने वालों ने हमें बताया था कि यह पैसा स्विट्जरलैंड या दूसरे 'टैक्स हेवंस" में जमा है। ये संकेत भी दिए गए थे कि अगर इस रकम को भारत ले आएं तो वह तमाम गरीबी व पिछड़ेपन को दूर कर सकती है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक...

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साठ साल लग सकते हैं आरटीआई की अर्जी के जवाब में-- नई रिपोर्ट

अगर आरटीआई की आपकी अर्जी मध्यप्रदेश सूचना आयोग में लंबित है तो फिर आपका धीरज पहाड़ जैसा होना चाहिए ! मामलों के निस्तारण की मौजूदा दर के हिसाब से प्रदेश के आयोग को आपकी अर्जी का निबटारा करने में साठ साल लग जाएंगे। और, अगर आपकी अर्जी विचार के लिए पश्चिम बंगाल के सूचना आयोग के लिए पड़ी है तो फिर आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए कहा जा सकता...

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डीजल की कीमतों में छिपी गुत्थियां - परंजॉय गुहा ठाकुरता

कि अपेक्षा थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने देश में सर्वाधिक उपयोग किए जाने वाले पेट्रोलियम उत्पाद डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने का निर्णय ले लिया। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में जो अप्रत्याशित गिरावट आई, उससे उत्साहित होकर ही सरकार डीजल की कीमतों में कटौती करने का निर्णय ले सकी है। किंतु डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने के अपने...

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विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा

आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...

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