वाशिंगटन। एक अध्ययन के मुताबिक इस साल लगभग 1.61 अरब लोगों के सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करने का अनुमान है। शोध संस्थान ई मार्केटर के मुताबिक दुनिया के हर पांचवे व्यक्ति ने इस साल महीने में कम से कम एक बार इसका इस्तेमाल किया। अध्ययन के मुताबिक इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और वर्ष 2017 तक ये संख्या 2.33 अरब तक पहुंचने की...
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खुले में शौच करने के मामले में झारखंड राज्य दुनिया में सबसे आगे
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के 92.4 फीसदी घरों में नहीं हैं शौचालय रांची : खुले शौचालय के मामले में झारखंड पूरी दुनिया में सबसे आगे है. झारखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के 92.4% घरों में शौचालय नहीं है. यूएनडीपी द्वारा वर्ष 2010 में जारी की गयी ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में दुनिया के 190 देशों में शौचालय की स्थिति का अध्ययन किया गया. उस समय अफ्रीका के देश नाइजर और चाड में 91%...
More »अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ
राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...
More »आदिवासी विकास के दो चेहरे- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 9 नवंबर, 2013 : देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उनमें से चार राज्य ऐसे हैं जिनमें आदिवासियों की खासी आबादी निवास करती है, यह बात हम राहुल बनाम मोदी की बहस में भूल जा रहे हैं। संयोग से ये चुनाव ऐसे अवसर पर हो रहे हैं जब आदिवासियों के विकास और उनके बारे में सरकार की नई नीति को लेकर बहस उठ...
More »सूचना के अधिकार के सात साल- एक जायजा प्रगति का..
आजादी के बाद से अबतक शासन को पारदर्शी बनाने के लिए जो प्रयास हुए उसमें सूचना का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण कदम है। बहरहाल, इस कानून की उल्लेखनी सफलता महज 0.3 फीसदी भारतीयों तक सीमित है। देश की आबादी में बस इतनी ही तादाद सूचना के अधिकार के तहज अर्जी डालती है। सोचिए, उस स्थिति में क्या होगा जब देश की एक या दो फीसदी आबादी अपने शासकों की जवाबदारी तय करने के लिए आरटीआई...
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