जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...
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अब निरक्षर महिलाओं को भी मिलेगा टैबलेट
पटना : ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाली सभी महिलाओं को राज्य सरकार टैबलेट देगी. चाहे महिला निरक्षर हो या साक्षर. टैबलेट का उपयोग कैसे किया जायेगा, इसके लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने इसका प्रस्ताव योजना प्राधिकृत समिति को दिया है. समिति से सहमति मिलने के बाद राज्य की तीन करोड़ महिलाओं को टैबलेट दिया जायेगा. इस योजना में 7525 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर ग्रामीण परिवार की एक महिला...
More »घरेलू महिला हिंसा पर चुप्पी अब और नहीं
मित्रो, महिलाओं के प्रति हिंसा की घटनाओं पर देश-दुनिया में जितनी चिंता की जा रही है, घटनाओं की संख्या उतनी ही बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह है सामाजिक हस्तक्षेप की कमी. दिल्ली गैंग रेप जैसी बड़ी घटना जब होती है, तब देश भर में लोग सड़कों पर उतर आते हैं. मीडिया से न्यायपालिका तक की सक्रियता बढ़ जाती है. जनसंगठन और राजनीतिक दल भी जनाक्रोश के साथ होते हैं. यह उचित...
More »संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य- न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि संज्ञेय अपराध में पुलिस के लिए प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य है और ऐसे अपराध के लिए शिकायत मिलने पर मामला दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि यदि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई तो इसके सार्वजनिक...
More »न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय
जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...
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