-कारवां, महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 6 अगस्त 2021 की रात 42 साल के एक किसान की कीटनाशक जहर से मौत हो गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनोद मसराम चव्हाण अपनी कपास की फसल को घातक गुलाबी बॉलवर्म से बचाने के लिए कीटनाशक नुवाक्रॉन का छिड़काव करते समय उसके संपर्क में आ गए थे. कीटनाशक में मोनोक्रोटोफोस होता है जो एक जहरीला कंपाउंड है. यह अंतरराष्ट्रीय...
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इंटरव्यू/भूपेश बघेल: “राज्यों को कर्ज की ओर ढकेल रहा केंद्र”
-आउटलुक, “बघेल ने विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में विस्तार से बात की” भूपेश बघेल ने हाल ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है। उनके नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करके यह प्रदेश एक मॉडल बन कर उभरा है। इसके लिए उसे राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिले हैं। आउटलुक के लिए आशुतोष शर्मा के साथ बातचीत में बघेल ने विकास के...
More »सस्ते ईरानी सेबों की वजह से लड़खड़ा रहा है कश्मीर का सेब व्यापार
-न्यूजक्लिक, कश्मीर घाटी में 24 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सेब अपना बाजार खोने के कगार पर हैं। सेब व्यापारियों का दावा है कि सस्ते ईरानी सेबों ने आ कर भारतीय बाजारों में धूम मचा दी है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले कश्मीरी सेब की मांग और कीमतों में भारी गिरावट आई है। कश्मीर के प्रमुख सेब व्यापारियों के अनुसार, उत्पादकों और व्यापारियों के पास बिक्री की बाट जोह रहे सेब के...
More »सरकारी दावे से उलट किसानों को नहीं मिल रहा यूरिया समेत अन्य खाद
-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार ने 10 दिसंबर को संसद में यूरिया की कमी को लेकर सात सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया. रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने यूरिया की देश में पर्याप्त मात्रा के सवाल पर कहा, देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है. इस दौरान उन्होंने रबी फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता, उपलब्धता और बिक्री की भी राज्यवार जानकारी दी. संसद में यूरिया और डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी)...
More »बढ़ती महंगाई से कोई अछूता नहीं, इस पर लगाम जरूरी
-रूरल वॉइस, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर थोक बाजारों में मुद्रास्फीति की दर नवंबर में 14.23 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा है । यह स्थिति देश के नीति विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार बहुत बडा झटका देने वाली है लेकिन इस स्थिति से वास्तव मे नीतिनिर्धारक कितने चिंतित है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। पिछले आठ महीने से मुद्रास्फीति दहाई में बनी हुई...
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