अगर आपके मन में यह सवाल कौंध रहा है कि 'मांसबंदी' के नये फरमान के एकबारगी अमल में आने से यूपी के पशुपालकों पर क्या असर पड़ेगा तो नीचे लिखे तथ्यों को पढ़िए ! पशुगणना के नये आंकड़ों के मुताबिक देश में भैंस प्रजाति के पशुओं की संख्या 10 करोड़ 80 लाख है. इसका एक चौथाई से ज्यादा (28.7प्रतिशत) केवल यूपी में है. यूपी में भैंसों की संख्या राजस्थान से ढाई गुनी, आंध्रप्रदेश और गुजरात से तीन...
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किसानों के लिए कसना होगी कमर- मृणाल पांडे
मृणाल पांडे। किसान से लेकर सरकार और बाजार तक इस बार खुश हैं कि मानसून अच्छा है। किंतु किसानी का भविष्य एक ही अच्छे मानसून से आमूलचूल नहीं सुधर सकता। खेतिहरों के जीवन में लगातार विकास के लिए स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, अनाज का बेहतर विपणन-भंडारण, मुनाफे के सही निवेश से जुड़ी कई तरह की मदद भी जरूरी होती है। किसानी को लाभ का सौदा बनाने की जिम्मेदारी आखिरकार राज्य...
More »सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना मधुमक्खी पालक
अमेरिका में नौकरी का ऑफर छोड़ कृष्णकांत ने चुना मिट्टी से जुड़ना किसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मधुमक्खीपालक बनना, सुनने में कुछ अजीब लगता है़ लेकिन यह सच कर दिखाया है तमिलनाडु के कृष्ष्णकांत ने़ इन्होंने विप्रो की नौकरी छोड़ कर अपने गांव में मधुमक्खीपालन का व्यवसाय शुरू किया़ आज वे इस क्षेत्र में नवोन्मेष कर, शहद की यूनिफ्लोरल किस्में विकसित कर रहे हैं. आखिर यह सब कैसे हुआ...
More »न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए कितना मददगार ?
अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...
More »बात निकली है तो दूर तलक जाएगी - भवदीप कांग
गजेंद्र सिंह की मौत का राजनीतिकरण इस पूरे प्रकरण का सबसे दु:खद पहलू था। हो सकता है उसकी आत्महत्या 'जेनुइन" हो। यह भी हो सकता है, जैसा दिल्ली पुलिस का मानना है कि उसकी आत्महत्या महज एक दुर्घटना हो, एक नाटकीय प्रसंग। लेकिन गजेंद्र की मौत इन मायनों में अपने लक्ष्य को अर्जित करने में जरूर कामयाब रही कि उसने किसानों की दुर्गति की ओर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट...
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